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Aditya L1( Photo Credit : Social Media)
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Aditya L1( Photo Credit : Social Media)
Aditya L1 Mission: इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल1 को लेकर बड़ा अपडेट आया है. दरअसल, आदित्य एल1 ने काम करना शुरू कर दिया है. यान में लगे पेलोड आदित्य सोल विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट एक्टिव हो गया है और अब ये अपना काम करने लगा है. इसरो के मुताबिक ये पेलोट ठीक से काम कर रहा है और इसमें कोई परेशानी नहीं हो रही है. बता दें कि आदित्य एल1 के ASPEX में दो उपकरण- सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुप्राथर्मल एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) काफी अहम है. जिसमें STEPS ने 10 सितंबर को ही काम करना शुरू कर दिया था.
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स्विस ने 2 दिसंबर (शनिवार) से काम करना शुरू किया है. इस उपकरण का काम सौर पवन आयन का अध्ययन करना है. जिसमें उसने मुख्य रूप से प्रोटॉन और अल्फा कणों को सफलतापूर्वक माप लिया है. इसरो के मुताबिक, इस अध्ययन से सौर हवाओं के बारे में काफी जानकारी हासिल हुई है. इससे इसरो के वैज्ञानिकों को सौर हवाएं चलने की वजह और पृथ्वी पर पड़ने वाले उनके असर के बारे में जानकारी मिल सकेगी. इसके अलावा इस अध्ययन से अंतरिक्ष के मौसम को लेकर भी बहुत सी जानकारियां मिल सकती हैं.
Aditya-L1 Mission:
The Solar Wind Ion Spectrometer (SWIS), the second instrument in the Aditya Solar wind Particle Experiment (ASPEX) payload is operational.
The histogram illustrates the energy variations in proton and alpha particle counts captured by SWIS over 2-days.… pic.twitter.com/I5BRBgeYY5
— ISRO (@isro) December 2, 2023
दो सितंबर को हुई थी आदित्य एल1 की लॉन्चिंग
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 के इसी साल 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था. आदित्य एल1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से सफलतापूर्वक लॉन्च किया था. आदित्य एल1 पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर एल1 पॉइंट से सूर्य का अध्ययन करेगा. इस मिशन ने पहले पृथ्वी की परिक्रमा की और उसके बाद ये अपने सूर्य मिशन पर सूर्य की ओर आगे बढ़ गया. जनवरी के पहले सप्ताह में आदित्य एल1 एल पॉइंट पर पहुंच जाएगा.
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तारों के अध्ययन में भी मिलेगी मदद
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के मुताबिक, सूर्य हमारे सबसे करीब मौजूद तारा है. जो तारों के अध्ययन में सबसे ज्यादा मददगार साबित हो सकता है. इसके अध्ययन से मिली जानकारियों के माध्यम से दूसरे तारों, हमारी आकाश गंगा और खगोल विज्ञान के कई अन्य रहस्यों और नियमों को जानने और समझने में मदद मिलेगी. बता दें कि सूर्य हमारी पृथ्वी से करीब 15 करोड़ किलोमीटर दूर है और आदित्य एल1 इसका सिर्फ एक फीसदी रास्ता ही तय कर सूर्य का अध्ययन करेगा. इतनी दूरी से भी सूर्य के बारे में कई अहम जानकारियां हासिल की जा सकती है जो धरती से जानना बहुत मुश्किल है.
HIGHLIGHTS
Source : News Nation Bureau