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IS के आतंकियों ने किया मुर्तजा का ब्रेन वॉश, देवबंद-नेपाल कनेक्शन निकला

पिछले कई सालों से मुर्तजा इंटरनेट पर आतंकी हमलों के वीडियो सर्च करता था. वीडियो सर्च के दौरान ही वह आतंकियों के संपर्क में आया. ये जेहादी आतंकी आईएस से जुड़े थे.

Updated on: 06 Apr 2022, 01:22 PM

highlights

  • सीरिया, अरब क्रांति और आईएसआईएस के वीडियो देख बना जहरीला
  • लगने लगा था कि भारतीय मुसलमानों के साथ बहुत गलत हो रहा है
  • सीरिया और आईएसआईएस के आतंकियों को लाखों रुपए भी भेजे

नई दिल्ली:

सुरक्षा एजेंसियां जैसे-जैसे मुर्तजा के लैपटॉप को खंगाल रही है, नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पता चला है कि पिछले कई सालों से मुर्तजा इंटरनेट पर आतंकी हमलों के वीडियो सर्च करता था. वीडियो सर्च के दौरान ही वह आतंकियों के संपर्क में आया. ये जेहादी आतंकी आईएस से जुड़े थे. यूट्यूब के जरिये मुर्तज़ा ने कुछ जेहादी वीडियो सर्च किए थे. कई बार जब मुर्तजा ने जेहादी वीडियो देखे तो आतंकियों ने उससे संपर्क किया. उसके आईपी एड्रेस से डिटेल निकाली गई थीं. यही नहीं, उसके घर से एक एय़रगन भी मिली है, जिससे वह घर की छत पर निशाना लगाने की प्रैक्टिस करता था. आज एटीएस मुर्तजा को लेकर लखनऊ आई है.

देवबंद और नेपाल समेत कानपुर कनेक्शन आया सामने
जानकारी के मुताबिक मुर्तज़ा को जेहादी बनाने का तरीका बेहद शातिराना था. मुर्तज़ा को अपने वश में आतंकी संगठन ने कर लिया था और उसे स्लीपर सेल में बदलने के लिए ब्रेन वॉश किया गया था. इस तरह के आतंकी एक तरह से प्रोग्रामर की तरह काम करते हैं. ये युवाओं को अपने साथ जोड़ कर धीरे-धीरे उनके दिमाग को अपने मुताबिक सेट कर देते हैं. अपने ही देश के खिलाफ मुर्तज़ा के अंदर इतना जहर भर दिया गया कि उसे अच्छे-बुरे का ख्याल नहीं रहा. आतंकी बनने की फिराक में मुर्तजा देवबंद भी गया था और नेपाल के मदरसों में भी गया था. अब एटीएस से पूछताछ में मुर्तजा का कानपुर कनेक्शन भी निकला है. 

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यमन-अमेरिकी इमाम को मानता था गुरु
मुर्तजा अपना मुख्य प्रेरक अनवर अल अवलाकी को मनाता था, जो यमन-अमेरिकी इमाम था. इस्लामिक अवेकिंग फोरम पर मुर्तजा कट्टर इस्लाम की बातें सुनता था और उनसे सवाल पूछता था. उसने 29 डॉलर का इंटरनेशनल सिम खरीदा था, जिससे इसने फेसबुक और टेलीग्राफ पर अपना एकाउंट बनाया था. वह सीरिया, अरब क्रांति और आईएसआईएस से संबंधित वीडियो देखा करता था. पढ़ाई के दौरान ही इसने 2012 से 2015 के बीच नेपाली खातों के माध्यम से सीरिया में सक्रिय आईएसआईएस आतंकियों की मदद के लिए पैसा भेजा था. 2020-21 में भी नेपाली खातों में करीब 8 लाख रुपये सीरिया भेजा था.