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बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश के बारे में आई जानकारी, फाइनल रिपोर्ट भी जल्द  

सूत्रों ने कहा कि देश के शीर्ष हेलीकॉप्टर पायलट एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का मानना ​​है कि MI-17v5 8 दिसंबर को तमिलनाडु की नीलगिरि पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और खराब मौसम की भटक गया था.

Updated on: 02 Jan 2022, 02:51 PM

highlights

  • दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोगों की हुई थी मौत
  • वायु सेना की जांच लगभग पूरी, मौत को लेकर जल्द आएगी रिपोर्ट
  • MI-17v5  8 दिसंबर को तमिलनाडु की नीलगिरि पहाड़ियों में क्रैश हो गया था

 

नई दिल्ली:

CDS General Bipin Rawat Helicopter Crash : सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित कुल 14 जवानों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Helicopter Crash) में हुई मौत को लेकर वायु सेना की जांच लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही इसे पेश किया जाएगा. सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी मिली है. हालांकि जांच या उसकी रिपोर्ट पर न तो वायु सेना और न ही सरकार ने अभी तक कोई बयान दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि खराब मौसम के कारण कम दृश्यता की वजह से यह हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई हो. हालांकि इस पर भी अब तक कोई बयान या स्पष्टीकरण नहीं आया है कि क्या दुर्घटना का मूल कारण पायलट की गलती थी या फिर पहाड़ी क्षेत्रों में खराब मौसम के दौरान संचालन के नियमों की अवहेलना की गई थी. 

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सूत्रों ने कहा कि देश के शीर्ष हेलीकॉप्टर पायलट एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का मानना ​​है कि MI-17v5 8 दिसंबर को तमिलनाडु की नीलगिरि पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और खराब मौसम की भटक गया था. इसे CFIT या इलाके में नियंत्रित उड़ान के रूप में जाना जाता है. सूत्रों ने यह भी कहा कि जांच ने तकनीकी त्रुटियों या यांत्रिक दोषों की किसी भी संभावना से इनकार किया है. वर्तमान में वायु सेना के कानूनी विभाग द्वारा जांच दल को रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की सलाह दी जा रही है, जिसके पांच दिनों के भीतर एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को सौंपे जाने की उम्मीद है. तमिलनाडु के कुन्नूर क्षेत्र में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और जनरल के शीर्ष सहयोगी ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर सहित कुल 14 लोगों की मौत हुई थी.