भारत ने चीन को गलवान घाटी पर सीमा विवाद मुद्दे पर दो टूक बात कही है. भारत ने कहा कि 6 जून की बातचीत के मुताबिक डिसइंगेजमेंट का प्रोसेस तेज करें और दोनों देशों के बीच हुये समझौतों के मुताबिक ही सीमा विवाद के सभी मामले का निपटारा हो. इसके मुताबिक भारत ने कहा कि भारतीय सेना इस सीमारेखा पर जैसे पहले पेट्रोलिंग करती रही है वैसे ही करती रहेगी, इसमें चीन की ओर से किसी भी तरह का व्यवधान नहीं आना चाहिए. अगर भारतीय जवानों की पेट्रोलिंग के दौरान किसी तरह का व्यवधान आता है तो दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा.
इस बीच गुरुवार को विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Srivastav) ने कहा कि पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे सूची में फिर से होना, हमारी स्थिति को बताता है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इससे समझा जा सकता है कि पाकिस्तान ने आतंक के खिलाफ ठीक तरीके से लड़ाई नहीं की. पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी जमीन को ग्लोबल आतंकियों के लिए स्वर्ग बना रखा है, उसने यूएन की ओर से घोषित आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. FATF का निर्णय इसको साबित करता है.
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पाकिस्तान अभी भी आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बना है
आपको बता दें कि अमेरिका ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान ने 2019 में आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने और उस साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद बड़े पैमाने पर हमलों को रोकने के लिए भारत केंद्रित आतंकवादी समूहों के खिलाफ मामूली कदम उठाए, लेकिन वह अब भी क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता पर जनवरी 2018 में लगाई गई रोक 2019 में भी प्रभावी रही. उसने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकववाद के वित्त पोषण को रोकने और जैश ए मोहम्मद द्वारा पिछले साल फरवरी में जम्मू कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के काफिले पर किए गए आतंकी हमले के बाद बड़े पैमाने पर हमले से भारत केंद्रित आतंकी संगठनों को रोकने के लिए 2019 में मामूली कदम उठाए.
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पाक आतंकियों को अपनी जमीन पर पनाह देता है
आतंकवाद पर देश की संसदीय-अधिकार प्राप्त समिति की वार्षिक रिपोर्ट 2019 में विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के वित्त पोषण के तीन अलग मामलों में लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को दोषी ठहराने समेत कुछ बाह्य केंद्रित समूहों के खिलाफ कार्रवाई की. मंत्रालय ने कहा, हालांकि, पाकिस्तान क्षेत्र में केंद्रित अन्य आतंकवादी संगठनों के लिये सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया कि वह अफगान तालिबान और संबद्ध हक्कानी नेटवर्क को अपनी जमीन से संचालन की इजाजत देता है जो अफगानिस्तान को निशाना बनाते हैं, इसी तरह वो भारत को निशाना बनाने वाले लश्कर-ए-तैयबा और उससे संबद्ध अग्रिम संगठनों और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने देता है.