चीन की हरकतों पर भारत का करारा जवाब
विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा भी भारत अपने हिस्से में पिछले 7 साल से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने पर जोर दे रहा है, ताकि सामरिक रूप से और स्थानीय लोगो के लिये बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिल सके.
highlights
- चीन की तरफ से भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा वॉर
- सरकार इस अवैध निर्माण को बेहद नजदीक से निगरानी कर रही है
- यह निर्माण भारत से 60 साल पहले कब्जा किए गए भू भाग पर
नई दिल्ली:
चीन की तरफ से भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा वॉर, पेन्गोंग पर अवैध पुल निर्माण और अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों के नामकरण सहित सांसदों को पत्र लिखे जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. पेन्गोंग झील पर अवैध ब्रिज निर्माण पर न्यूज़ नेशन संवाददाता मधुरेन्द्र कुमार के सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिन्दम बागची ने कहा कि इस अवैध निर्माण को भारत अस्वीकार करता है. सरकार इस अवैध निर्माण को बेहद नजदीक से निगरानी कर रही है. यह निर्माण भारत से 60 साल पहले कब्जा किए गए भू भाग पर किया जा रहा है.
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विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा भी भारत अपने हिस्से में पिछले 7 साल से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने पर जोर दे रहा है, ताकि सामरिक रूप से और स्थानीय लोगो के लिये बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिल सके.
गलवान में चीनी झंडे के प्रोपगंडा पर विदेश मंत्रालय ने भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स के हवाला देते हुये कहा की उसका जवाब मिल चुका है. वहीं, अरुणाचल कर कई हिस्सों के बदले नाम पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा की अरुणाचल भारत एक अभिन्न अंग था और रहेगा.
अरुणाचल के सांसदों को लिखे गए चीनी खत का जवाब देते हुये विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि उसकी भाषा अनुपयुक्त है और चीन को यह समझना चाहिए कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है.
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