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अब इमरान खान फंसे निर्वाचन आयोग के चंगुल में, छिपाई विदेशी चंदे की रकम

जानकारी के मुताबिक पार्टी ने ईसीपी को उपलब्ध कराए दस्तावेजों में तीन बैंक खातों का भी खुलासा नहीं किया.

Updated on: 06 Jan 2022, 10:02 AM

highlights

  • स्क्रूटनी कमेटी ऑफ द इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान की रिपोर्ट से खुलासा
  • विदेशी से मिले पार्टी फंड की पूरी जानकारी नहीं दी, बैंक खातों को भी छिपाया

इस्लामाबाद:

इमरान खान के नए पाकिस्तान की परत दर परत अब खुलकर सामने आने लगी है. पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग की एक रिपोर्ट से पता चला है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तकरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने देश के निर्वाचन आयोग को विदेशी नागरिकों एवं कंपनियों से मिले धन की पूरी जानकारी साझा नहीं की है. इसके साथ ही यह आरोप भी पीटीआई पर है कि उसने अपने खातों संबंधी जानकारियां भी छुपाई. डॉन समाचार पत्र ने ‘स्क्रूटनी कमेटी ऑफ द इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि सत्तारूढ़ दल ने वित्त वर्ष 2009-10 और वित्त वर्ष 2012-13 के बीच चार साल की अवधि में 31 करोड़ 20 लाख पाकिस्तानी रुपए के चंदे संबंधी जानकारी नहीं दी है.

समाचार पत्र के अनुसार खुलासा हुआ कि सिर्फ वित्त वर्ष 2012-13 में ही लगभग 14 करोड़ 50 लाख डॉलर कम राशि बताई गई. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा समिति को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के पास 26 बैंक खाते थे. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2008 से 2013 के बीच पीटीआई पार्टी ने निर्वाचन आयोग को 1.33 अरब पाकिस्तानी रुपए बतौर चंदा मिलने की जानकारी दी थी. यह अलग बात है कि पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक एसबीपी की एक रिपोर्ट में वास्तविक राशि 1.64 अरब पाकिस्तानी रुपए बताई गई थी. जानकारी के मुताबिक पार्टी ने ईसीपी को उपलब्ध कराए दस्तावेजों में तीन बैंक खातों का भी खुलासा नहीं किया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में लगभग 1,414 कंपनियों, 47 विदेशी कंपनियों और 119 संभावित कंपनियों ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई को चंदा दिया. रिपोर्ट के मुताबिक पीटीआई को अमेरिका से भी 23 लाख 44 हजार 800 डॉलर मिले थे, लेकिन समिति पार्टी के अमेरिकी बैंक खातों तक नहीं पहुंच सकी. पार्टी को यह निधि देने वालों में 4,755 पाकिस्तानी, 41 गैर-पाकिस्तानी और 230 विदेशी कंपनियां शामिल हैं. अमेरिका के अलावा, खान की पार्टी को दुबई, ब्रिटेन, यूरोप, डेनमार्क, जापान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से भी निधि मिली, लेकिन समिति को इन लेन-देन की जानकारी नहीं दी गई.

सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने एक बैठक में जांच समिति की रिपोर्ट को 'गलत' करार दिया और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी जैसे विपक्षी राजनीतिक दलों के खातों की जांच किए जाने की मांग उठाई है. डॉन समाचार पत्र ने बताया कि ईसीपी ने नौ महीनों के बाद सत्तारूढ़ दल के खिलाफ विदेशी चंदे संबंधी मामले की सुनवाई शुरू की थी और इसी दौरान यह रिपोर्ट पेश की गई थी. इस मामले में आगे की सुनवाई 18 जनवरी को होगी.