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भारतीय अंतरिक्ष संघ कार्यक्रम में पीएम मोदी बोले- जहां जरूरत नहीं वहां सरकारी नियंत्रण खत्म करेंगे

Indian Space Association: प्रधानमंत्री ने कहा कि एयर इंडिया पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत नहीं वहां सरकारी नियंत्रण खत्म करेंगे.

Updated on: 11 Oct 2021, 12:41 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISPA) का शुभारंभ किया. इससे देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई ऊंचाई मिलेगी और आत्‍मनिर्भर भारत की परिकल्‍पना भी साकार होगा. इतना ही नहीं ये अंतरिक्ष के क्षेत्र में देश को अग्रणी खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा. अंतरिक्ष और उपग्रह से जुड़ी कंपनियां इस एसोसिएशन की सदस्य होंगी. इस मौके पर उन्होंने इसके गठन के लिए वैज्ञानिकों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि हमारा स्पेस सेक्टर, 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का एक बड़ा माध्यम है.

हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी, सामान्य मानवी के लिए बेहतर मैपिंग, इमेजिंग और कनेक्टिविटी की सुविधा! हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी, एंटरप्रेन्योर्स के लिए शिपमेंट से लेकर डिलीवरी तक बेहतर स्पीड. पीएम मोदी ने कहा कि एयर इंडिया पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत नहीं वहां सरकारी नियंत्रण खत्म करेंगे.  

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पीएम मोदी ने कहा कि भारत में अपार क्षमता और संभावना हैं. एफिशिएंसी की ब्रांड वैल्‍यू को हमें और निखारना होगा. इसको निरंतर प्रमोट करना होगा. अपने दम पर जब भारत आगे बढ़ेगा तो वैश्विक स्‍तर पर भारत आगे बढ़ेगा. इस काम में सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है. सरकार पब्लिक सेक्‍टर एंटरप्राइजेज को लेकर एक स्पष्ट नीति के साथ आगे बढ़ रही है और जहां सरकार की आवश्यकता नहीं है, ऐसे ज्यादातर सेक्टर्स को प्राइवेट एंटरप्राइजेज के लिए खोल रही है. सरकार ने जो अभी एयर इंडिया से जुड़ा फैसला लिया गया है वो हमारी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दिखाता है. 

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए स्पेस सेक्टर यानी - सामान्य मानवी के लिए बेहतर मैपिंग, इमेजिंग और कनेक्टिविटी की सुवधा है. उद्योगपतियों के लिए ये एक शिपमेंट से लेकर डिलीवरी तक बेहतर स्पीड देना है. 21वीं सदी का भारत आज जिस अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, जो रिफॉर्म कर रहा है उसका आधार है, भारत के सामर्थ्य पर अटूट विश्वास. इस सामर्थ्य के आगे आने वाली हर रुकावट को दूर करना हमारी सरकार का दायित्व है और इसके लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. सरकार का बीते वर्षों में फोकस नई टेक्नोलॉजी से जुड़ी रिसर्च और डेवलपमेंट के साथ ही उसको सामान्य जन तक पहुंचाने तक भी रहा है.  पिछले सात साल में तो स्पेस टेक्नोलॉजी को सरकार ने लास्‍ट माई डिलीवरी, लीकेज फ्री और ट्रांसपेंरेट गर्वनेंस का अहम टूल बनाया है.