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एक जून से चलेंगी 200 पैसेंजर ट्रेन, आज सुबह 10 बजे से बुकिंग शुरू, ये सुविधाएं नहीं होंगी मौजूद

रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों में सभी यात्रियों को सीट उपलब्ध करायी जाएगी तथा इन ट्रेनों का संचालन एक जून से शुरू होगा. इनके लिए आरक्षण 21 मई को सुबह दस बजे से शुरू होगा. रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों के लिए ई टिकट आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल एप से ही

Updated on: 21 May 2020, 12:15 AM

दिल्ली:

भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने बुधवार को उन 100 जोड़ी यात्री ट्रेन की सूची जारी की जिनका परिचालन एक जून से होगा.भारतीय रेलवे ने कोविड -19 (COVID-19) के संक्रमण को रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन (Lock Down) की वजह से ट्रेन सेवाओं पर रोक लगा दी थी.  इनमें दूरंतो, संपर्क क्रांति, जन शताब्दी और पूर्वा एक्सप्रेस जैसी लोकप्रिय ट्रेनें भी शामिल हैं. इससे पहले जारी एक बयान में रेलवे ने कहा था कि ये ट्रेनें पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी. किंतु बुधवार को उसने कहा कि इन ट्रेनों में एसी और गैर एसी, दोनों तरह के कोच होंगी जो पूरी तरह आरक्षित होंगी. रेलवे ने कहा कि सामान्य श्रेणी के यान भी पूरी तरह से बैठने के लिए आरक्षित होंगे. इन ट्रेनों में कोई भी कोच अनारक्षित नहीं होगा. इन ट्रेनों का किराया साामन्य होगा. आरक्षित सामान्य कोच के लिए दूसरी श्रेणी की बैठने वाली सीट का किराया लिया जाएगा.

भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने कहा कि इन ट्रेनों में सभी यात्रियों को सीट उपलब्ध करायी जाएगी तथा इन ट्रेनों का संचालन एक जून से शुरू होगा. इनके लिए आरक्षण 21 मई को सुबह दस बजे से शुरू होगा. रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों के लिए ई टिकट आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल एप से ही जारी किए गये जाएंगे. इनके लिए आरक्षण केन्द्रों या रेलवे स्टेशनों से कोई टिकट जारी नहीं की जाएंगी. उसने कहा कि अग्रिम आरक्षण अवधि अधिकतम 30 दिन रहेगी तथा वर्तमान नियमों के तहत आरएसी और प्रतीक्षा सूची बनेगी. बहरहाल, प्रतीक्षा सूची वाले टिकट धारकों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी. रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों के लिए कोई अनारक्षित टिकट नहीं जारी किए जायेंगे और ना ही ट्रेन पर सवार होने के बाद कोई टिकट दिया जाएगा.

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गृह मंत्रालय से सलाह कर रेलवे लेगा फैसला
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन को लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने संशोधित एसओपी जारी किया है. उन्होंने कहा कि, श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने की अनुमति के लिए रेल मंत्रालय गृह मंत्रालय के साथ परामर्श करने के बाद ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन की अनुमति लेगा. अब इसके लिए भारतीय रेलवे को राज्यों के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा. राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अपने प्रभारी अधिकारियों को नामित करेंगे और फंसे हुए लोगों को भेजने या उनके आने पर जरूरी इंतजाम करेंगे. वहीं नए नियमों के मुताबिक गंतव्य और रुकने वाले स्टेशन समेत ट्रेनों की समय-सारिणी पर अंतिम फैसला रेल मंत्रालय करेगा और वह इसकी जानकारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देगा ताकि ऐसे फंसे हुए मजदूरों को भेजने या लाने के लिए जरूरी प्रबंध किए जा सकें.

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नए नियमों के मुताबिक ट्रेनों को ज्यादा स्टेशनों पर रुकना होगा
रेलवे के नए नियमों के जारी होने के बाद रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि रेल मंत्रालय प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनों का ज्यादा स्थानों पर रुकना सुनिश्चित करेगा. इससे पहले स्पेशल ट्रेनें कहां रुकेंगी, ये फैसला भी राज्य सरकारों के हाथ में था और वो ही ये निश्चित करते थे कि ट्रेन कब और कौन से स्टेशन पर रुकेगी. आपको बता दें कि अभी तक चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को बहुत कम स्टेशनों पर रुकने दिया गया था. एसओपी के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन भेजने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश तथा रेल मंत्रालय सुनिश्चित करेंगे कि सभी यात्रियों की अनिवार्य रूप से जांच हो.