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'धरती के भगवान' को भी लील रहा कोरोना वायरस, दूसरी लहर में अब तक इतने डॉक्टरों की मौत

आम नागरिकों की जान बचा रहे डॉक्टर हर दिन दूसरी लहर में अपनी जान गवां रहे हैं. देशभर में अब तक 594 डॉक्टरों की जान कोरोना सक्रमण के कारण गई है.

Updated on: 02 Jun 2021, 08:41 AM

highlights

  • डॉक्टरों की जान पर भारी दूसरी लहर
  • दिल्ली में सबसे ज्यादा डॉक्टरों की मौत
  • आईएमए ने राज्यवार ब्योरा जारी किया

नई दिल्ली:

देश पिछले साल कोविड 19 की पहली लहर से प्रभावी ढंग से निपटने में कामयाब रहा, मगर अब महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ एक कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी लहर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गईं और हालात इतने बिगड़ गए कि मरीजों के लिए बेड तो छोड़िए ऑक्सीजन और दवाई तक कम पड़ गईं. कोरोना के दौरान धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की भी अग्निपरीक्षा हुई. मगर ये भी कोरोना की दूसरी लहर में कम प्रभावित नहीं हुए हैं. आम नागरिकों की जान बचा रहे डॉक्टर हर दिन दूसरी लहर में अपनी जान गवां रहे हैं. देशभर में अब तक 594 डॉक्टरों की जान कोरोना सक्रमण के कारण गई है.

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आईएमए ने राज्यवार ब्योरा जारी किया

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कोरोना की दूसरी लहर में जान गंवाने वाले डॉक्टरों का राज्यवार ब्योरा जारी किया है. आईएमए के डेटा के अनुसार, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान अबतक 594 डॉक्टरों की मौत हो गई है, जिसमें दिल्ली में सबसे ज्यादा डॉक्टरों को जान गवानी पड़ी. आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 107 डॉक्टरों की अब तक मृत्यु हुई है. इसके बाद बिहार और फिर उत्तर प्रदेश का नंबर है, जहां सबसे अधिक डॉक्टर्स मरे हैं. हालांकि ये जान कर हैरानी होगी कि देश के सभी राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर में डॉक्टरों ने जान गंवाई है.

राज्यवार आंकड़े

दिल्ली में 107, बिहार में 96, उत्तरप्रदेश में 67, राजस्थान में 43, झारखंड में 39, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में 32-32, गुजरात में 31, पश्चिम बंगाल में 25, ओडिशा में 22, तमिलनाडु में 21,  महाराष्ट्र में 17, मध्य प्रदेश में 16, असम और कर्नाटक में 8-8, मणिपुर और केरल में 5-5 डॉक्टरों ने जान गंवाई है. छत्तीसगढ़, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में 3-3 डॉक्टर्स की मौत हुई है. इसके अलावा त्रिपुरा, उत्तराखंड, गोवा में 2-2 और पुडुचेरी में एक डॉक्टर की जान गई है. 

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उल्लेखनीय है कि फिलहाल कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार कम हो गई है. देश में संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट आई है. मंगलवार को 54 दिन बाद सबसे कम मामले दर्ज किए गए. भारत में बीते दिन 1,27,510 नए केस मिले थे. इस दौरान 2,795 और लोगों की मौत हो गई. 8 अप्रैल के बाद रिपोर्ट किए गए ताजा संक्रमण की यह सबसे कम संख्या रही. 26 अप्रैल के बाद पहली बार मौतों का आंकड़ा 3 हजार से नीचे आया, जब देश में 2,771 मौतें हुई थीं.