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कश्मीर में भार ढोने के लिए ड्रोन का परीक्षण करेगी भारतीय सेना

गरुड़ एयरोस्पेस के प्रबंध निदेशक अग्निश्वर जयप्रकाश ने बताया, "भारतीय सेना ने हमें मध्यम और उच्च ऊंचाई पर ड्रोन की भार वहन करने की क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए कहा है. प्रदर्शन कश्मीर के गुलमर्ग में हो रहा है."

Updated on: 25 Jun 2021, 02:36 PM

highlights

  • कई एजेंसियां अपने निगरानी कार्यों में ड्रोन के इस्तेमाल पर नजर रख रही हैं
  • राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की मासिक वीडियो रिकॉर्डिग ड्रोन द्वारा अनिवार्य कर दी
  • जयप्रकाश के मुताबिक अगले महीने सेना के लिए ट्रायल होगा

 

चेन्नई:

भारतीय सेना शहर स्थित गरुड़ एयरोस्पेस के ड्रोन के साथ कश्मीर में रसद परीक्षण करेगी. गरुड़ एयरोस्पेस के प्रबंध निदेशक अग्निश्वर जयप्रकाश ने बताया, "भारतीय सेना ने हमें मध्यम और उच्च ऊंचाई पर ड्रोन की भार वहन करने की क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए कहा है. प्रदर्शन कश्मीर के गुलमर्ग में हो रहा है." जयप्रकाश के मुताबिक अगले महीने सेना के लिए ट्रायल होगा. सेना ने पांच से दस किलोमीटर की दूरी पर 10 से 20 किलोग्राम ज्यादा ऊंचाई तक ले जाने की क्षमता वाले ड्रोन मांगे हैं. पिछले महीने, भारत की अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रॉकेट लॉन्च टाउन श्रीहरिकोटा में स्थित अपने स्टाफ क्वार्टर में दवाओं, सब्जियों और कीटाणुनाशकों के छिड़काव के ड्रोन-आधारित वितरण का परीक्षण किया. इसी तरह, वाराणसी स्मार्ट सिटी ने गरुड़ एयरोस्पेस ड्रोन के साथ वाराणसी के भीतर परीक्षण के आधार पर सार्वजनिक प्रसार, स्वच्छता और दवा वितरण संचालन किया.

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जयप्रकाश के मुताबिक, कई एजेंसियां अपने निगरानी कार्यों में ड्रोन के इस्तेमाल पर नजर रख रही हैं. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने हाल ही में ड्रोन का उपयोग करके विकास, निर्माण, संचालन और रखरखाव कार्य के सभी चरणों के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की मासिक वीडियो रिकॉडिर्ंग अनिवार्य कर दी है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टीके पहुंचाने वाले ड्रोन की व्यवहार्यता के परीक्षण के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को सशर्त छूट दी. पिछले साल जब देश में कोविड -19 महामारी फैली, गरुड़ एयरोस्पेस को कई नगर निगमों और वाराणसी, राउरकेला, रायपुर, चेन्नई और हैदराबाद जैसे स्मार्ट शहरों से ड्रोन आधारित स्वच्छता आदेश मिले. कंपनी को पिछले साल टिड्डियों के झुंड के हमले के समय राज्य में टिड्डी रोधी कीटनाशक के छिड़काव के लिए उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकारों से भी ठेका मिला था.

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