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गलवान पर राजनाथ सिंह ने चीन को चेताया, कहा- किसी भी हालात से निपटने को तैयार है नौसेना

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध के बीच भारत के राष्ट्रपति राजनाथ सिंह ने चीन को साफ चेतावनी दी है.

Updated on: 25 Jun 2021, 12:20 PM

highlights

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कोच्चि के दौरे पर
  • स्वदेशी विमान वाहक के काम का जायजा
  • गलवान पर राजनाथ सिंह ने चीन को चेताया

कोच्चि:

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध के बीच भारत के राष्ट्रपति राजनाथ सिंह ने चीन को साफ चेतावनी दी है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि हम शांति चाहते हैं लेकिन किसी भी घटना के लिए तैयार हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज कोच्चि में हैं, जहां उन्होंने स्वदेशी विमानवाहक पोत (IAC) के निर्माण की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमान वाहक (IAC) पर किए गए काम का प्रत्यक्ष रूप से जायजा लेना खुशी की बात है, ये भारत का गर्व और आत्मनिर्भर भारत का एक चमकता हुआ उदाहरण है. रक्षा मंत्री ने इस दौरान इंडो पेसिफिक वैश्विक कानून का हवाला देते हुए फ्रीडम ऑफ नेविगेशन पर जोर दिया.

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गलवान गतिरोध का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए नौसेना हमेशा तैयार है. उन्होंने कहा कि गलवान गतिरोध के दौरान नौसेना की सक्रिय अग्रिम तैनाती ने हमारे इरादे का संकेत दिया कि हम शांति चाहते हैं, लेकिन किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं. उन्होंने महामारी के दौरान नौसेना के अभियानों की भी प्रशंसा की.

राजनाथ सिंह ने कहा, 'नौसेना ने COVID के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. ऑपरेशन समुद्र सेतु- I के दौरान विदेशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाया है और समुद्र सेतु- 2 के दौरान बहुत आवश्यक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, COVID के खतरों के बावजूद युद्धपोत जहाज पर लाई गई.

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स्वदेशी विमान वाहक को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वदेशी विमान वाहक (IAC) पर किए गए काम का प्रत्यक्ष रूप से जायजा लेना खुशी की बात है, ये भारत का गर्व और आत्मनिर्भर भारत का एक चमकता हुआ उदाहरण है. इस प्रोजेक्ट को NDA सरकार ने अनुमति दी थी और हाल में कोरोना के बावजूद इसमें काफी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि अगले साल स्वदेशी विमान वाहक(IAC) की कमीशनिंग भारत की आज़ादी के 75 साल के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी. राजनाथ ने बताया कि IAC में डिजाइन से लेकर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले स्टील से लेकर प्रमुख हथियारों और सेंसर तक लगभग 75% स्वदेशी सामग्री है.

उन्होंने कहा कि विमानवाहक पोत की लड़ाकू क्षमता, पहुंच और बहुमुखी प्रतिभा हमारे देश की रक्षा में जबरदस्त क्षमताएं जोड़ेगी और समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों को सुरक्षित रखने में मदद करेगी. राजनाथ सिंह ने  इंडो पेसिफिक वैश्विक कानून का हवाला देते हुए फ्रीडम ऑफ नेविगेशन पर जोर दिया और कहा कि इस गोल को हासिल करने में यह स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (IAC) अहम भूमिका निभाएगा.