logo-image

अफगानिस्तान की मदद के लिए आगे आया भारत, पाकिस्तान के रास्ते गेहूं भेजेगा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के साथ तय हुई बातचीत के अनुसार गेहूं की यह खेप अटारी-वाघा के रास्ते पाकिस्तान होते हुए अफगानिस्तान पहुंचेगी.

Updated on: 22 Feb 2022, 04:33 PM

highlights

  • सात अक्टूबर, 2021 को भारत ने इस्लामाबाद को भेजा था प्रस्ताव 
  • पाकिस्तान के रास्ते 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजेगा भारत

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान की मदद के लिए भारत ने बहुत बड़ा कदम उठाया है. भारत आज यानी मंगलवार (22 फरवरी 2022) को पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं (Wheat) भेजेगा. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) इस खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले से अफगानी नागरिकों में काफी खुशी है. अफगानिस्तान को जाने वाले 50,000 मीट्रिक टन गेहूं को इकट्ठा करने के दौरान भारत में मौजूद एक अफगानी नागरिक ने कहा कि हम अफगानिस्तान से आए हैं और वह बहुत खुश हैं. उसने कहा कि इस समय अफगानिस्तान में गेहूं की बहुत ज्यादा जरूरत है. वहां के लोगों के पास पैसा नहीं है और वे बेहद गरीब हैं. हमारी मदद के लिए भारत को धन्यवाद देते हैं.    

यह भी पढ़ें: इस प्राइवेट बैंक के CEO ने ट्रेनर, ड्राइवर और घर में काम करने वालों को गिफ्ट में दिए करोड़ों के शेयर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के साथ तय हुई बातचीत के अनुसार गेहूं की यह खेप अटारी-वाघा के रास्ते पाकिस्तान होते हुए अफगानिस्तान पहुंचेगी. बता दें कि सात अक्टूबर, 2021 को पाकिस्तान के रास्ते सड़क मार्ग होते हुए अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजने के लिए ट्रांजिट सुविधा का अनुरोध करते हुए इस्लामाबाद को प्रस्ताव भेजा था. भारत सरकार को इस प्रस्ताव पर 24 नवंबर, 2021 को जवाब मिला था. पाकिस्तान से जवाब के आधार पर ही दोनों पक्षों ने परिवहन से जुड़ी सभी बातचीत को तय किया है.

अफगानिस्तान पुननिर्माण के लिए अमेरिकी सरकार के विशेष महानिरीक्षक (एसआईजीएआर) ने कहा कि मौजूदा मानवीय संकट के कारण युद्धग्रस्त देश में लोगों की प्रति व्यक्ति आय गिरकर 350 डॉलर हो सकती है. एक रिपोर्ट में सिगार ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय 2012 में 650 डॉलर से गिरकर 2020 में 500 डॉलर होने का अनुमान है. टोलो न्यूज ने रिपोर्ट के हवाले से कहा, एशियाई विकास बैंक द्वारा बनाए गए सबसे खराब स्थिति में अल्पावधि में बेरोजगारी 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ सकती है और घरेलू खपत में 44 प्रतिशत की कमी आ सकती है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और आईएमएफ के अनुमानों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को 2021 में सकल घरेलू उत्पाद में 20 से 30 प्रतिशत की गिरावट तक का सामना करना पड़ा.