भारत ने गुरुवार को कहा कि वह चीन के साथ एलएसी पर यथास्थिति में बदलाव के किसी भी एकतरफा कार्रवाई को स्वीकार नहीं करेगा. साप्ताहिक ब्रीफिंग में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "भारत एलएसी के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उसका सम्मान करता है और हम एलएसी में किसी भी प्रकार के एकतरफा यथास्थिति में बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे."
यह बयान ऐसे समय आया है जब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लद्दाख में एलएसी के मुद्दे पर भारत और चीन के बीच बातचीत में गतिरोध उत्पन्न हो गया है.
26 जून के बयान को याद करते हुए श्रीवास्तव ने कहा, "मैंने देखा था कि इस वर्ष चीनी सेनाओं का संचालन, जिसमें सैनिकों के एक बड़े निकाय की तैनाती और व्यवहार में बदलाव के साथ-साथ अनुचित और अस्थिर दावे शामिल हैं, सभी आपसी समझौतों की पूर्ण अवहेलना है."
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प्रवक्ता ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के आधार एलएससी का आदर करना और उसका पालन करना है. 1993 के बाद से इस दिशा में कई समझौते का कड़ाई से पालन किया गया.
श्रीवास्तव ने कहा, "दोनों पक्ष इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए स्थापित राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से लक्ष्य प्राप्त करने में लगे हुए हैं."
दोनों देशों के बीच वरिष्ठ कमांडर स्तर की वार्ता का चौथा दौर 14 जुलाई को संपन्न हुआ, जहां दोनों देशों ने तनावग्रस्त क्षेत्र में पीछे हटने पर चर्चा की.
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इसके अलावा भारत चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र(डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक जल्द होने वाली है.
प्रवक्ता ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों का आधार है.
श्रीवास्तव ने कहा, "इसलिए चीनी पक्ष से यह उम्मीद है कि वह विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति के आधार पर सीमावर्ती क्षेत्रों में पूरी तरह से तय समझौते के मुताबिक पीछे हटेंगे और शांति स्थापना करेंगे."
Source : IANS