logo-image

भारत-अमेरिका 2+2 डायलॉग : हिंद-प्रशांत महासागर में मिलकर चीन को रोकेंगे

दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने सामरिक महत्व के इस हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूत करने पर चर्चा की. भारत-अमेरिका 2+2 की यह बातचीत क्वॉड (QUAD) समूह के तहत की गई.

Updated on: 12 Apr 2022, 12:42 PM

highlights

  • भारत-अमेरिका 2+2 की यह बातचीत QUAD समूह के तहत की गई
  • राजनाथ सिंह ने कहा- भारत और अमेरिका के बीच बैठक बहुत महत्वपूर्ण
  • कंपनियों को डिफेंस, एयरोस्पेस और मेक फॉर इंडिया वर्ल्ड प्रोग्राम का न्योता

 

New Delhi:

पांच दिवसीय अमेरिका दौरे के दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ( Rajnath Singh and S Jaishankar) ने 2+2 वार्ता के लिए पहले दिन सोमवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अलग-अलग मुलाकात और बातचीत की. बातचीत के दौरान रक्षा सहयोग के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई. वॉशिंगटन में राजनाथ सिंह और लॉयड ऑस्टिन की मुलाकात में हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र ( Indo Pacific Region) में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी रोकने को लेकर दोनों देश साथ काम करेंगे. 

दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने सामरिक महत्व के इस हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूत करने पर चर्चा की. भारत-अमेरिका 2+2 की यह बातचीत क्वॉड (QUAD) समूह के तहत की गई. इससे पहले राजनाथ सिंह ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की. 

LEMOA के तहत साइबर डिफेंस में सहयोग बढ़ेगा

इस बातचीत के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये बैठक भारत और अमेरिका के बीच बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस से फैली महामारी के वक्त अमेरिकी सरकार ने हमें बहुत समर्थन दिया. हम उनका धन्यवाद देते हैं. सिंह ने अमेरिकी कंपनियों को डिफेंस, एयरोस्पेस और मेक फॉर इंडिया वर्ल्ड प्रोग्राम के लिए भारत आने का न्योता दिया. उन्होंने LEMOA (लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) के तहत साइबर डिफेंस के सहयोग के बारे में भी बातचीत की.

आपसी रिश्ता इंडो-पैसिफिक सुरक्षा की आधारशिला

वहीं अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध इंडो-पैसिफिक सुरक्षा की आधारशिला है. हम संयुक्त समुद्री बल मरीन में शामिल होने के भारतीय नेवी के फैसले का स्वागत करते हैं. ऑस्टिन ने बताया कि इस बैठक में यह फैसला किया गया कि दोनों देशों की सेनाएं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं. 

जयशंकर ने की अमेरिकी विदेश मंत्री से मुलाकात

दूसरी ओर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमरीकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, ग्लोबल सिक्योरिटी, जलवायु परिवर्तन और कोरोना जैसे कई मुद्दों पर मिलकर काम करने पर चर्चा हुई. ब्लिंकन ने इस भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता को वैश्विक मामलों में महत्वपूर्ण क्षण बताया. उन्होंने कहा कि सभी देशों को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन के साथ युद्ध को खत्म करने के लिए दबाव डालना चाहिए. पहले रूस के साथ भारत के साथ संबंध अच्छे थे. अब हम भारत के साथ संबंध बनाने के इच्छुक और सक्षम हैं.

समुद्री सुरक्षा में आपसी सहयोग पर रहेगा जोर 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुलाकात के बाद कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश की बात हुई. साथ ही हम आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए और समुद्री सुरक्षा में सहयोग देने के लिए अमेरिका का धन्यवाद देते हैं. उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में रिश्तों को और मजबूत करने पर जोर दिया गया.

ये भी पढ़ें - अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा- PM मोदी को क्वाड समिट में देखने के लिए उत्सुक हूं

पीएम मोदी और जो बाइडेन की वर्चुअल समिट

इससे अलग और मंत्री स्तर के 2+2 इंडो-यूएस डायलॉग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच सोमवार देर शाम वर्चुअल मीटिंग हुई. इस दौरान दोनों वैश्विक नेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध और कोरोना महामारी समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा की. बातचीत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम दोनों देश दुनिया के लिए लोकतंत्र की मिसाल हैं. हमारे बीच डिफेंस समेत कई सेक्टर में बहुत मजबूत पार्टनरशिप है. रूस और यूक्रेन के मामले पर हम लगातार बातचीत करते रहेंगे. जो बाइडेन ने 24 मई को क्वॉड समिट में पीएम मोदी से मिलने को लेकर उत्सुकता जाहिर की.