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गलवान में हिंसक झड़प के बाद डिफेंस की मजबूती में जुटा भारत, 35 दिन में 10 मिसाइल टेस्ट

भारत ने ड्रैगन को पीछे धकेलने के लिए अपने रक्षा तंत्र को मजबूत करना शुरू कर दिया है. इस काम में भारत ने दिन रात मेहनत करके अपनी पूरी ताकत झोंक दी. अपने दुश्मन को काबू में करने के लिए भारत पिछले कुछ दिनों से लगातार ताकतवर मिसाइलों और हथियारों के परीक्

Updated on: 11 Oct 2020, 06:04 AM

नई दिल्‍ली:

पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) के गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत पूर्वी लद्दाख सीमा रेखा को लेकर सतर्क हो गया है. भारत ने ड्रैगन को पीछे धकेलने के लिए अपने रक्षा तंत्र को मजबूत करना शुरू कर दिया है. इस काम में भारत ने दिन रात मेहनत करके अपनी पूरी ताकत झोंक दी. अपने दुश्मन को काबू में करने के लिए भारत पिछले कुछ दिनों से लगातार ताकतवर मिसाइलों और हथियारों के परीक्षण कर रहा है. भारत द्वारा किए जा रहे हथियारों के परीक्षणों को देखकर ड्रैगन के माथे पर भी पसीना ला दे रहा है. 

भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)आने वाले दिनों में 800 किलोमीटर दूरी पर वार करने वाली निर्भय सब-सोनिक क्रूज मिसाइल परीक्षण करने जा रहा है. आपको बता दें कि इस हथियार का प्रशिक्षण पहले भी हो चुका है लेकिन थलसेना और नौसेना में औपचारिक रूप से इसके शामिल होने से पहले अंतिम बार इसका परीक्षण किया जाएगा. मीडिया में आईं खबरों की मानें तो डीआरडीओ की ओर से पिछले लगभग एक महीने के भीतर ही भारतीय सेना का यह 10वां मिसाइल परीक्षण होगा. सूत्रों की मानें तो डीआरडीओ इन दिनों मेड इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देते हुए तेजी के साथ सामरिक परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों को विकसित करने पर जुटा हैं.

भारत ने औसतन हर चार दिन में एक मिसाइल परीक्षण किया है
मीडिया में खबरों के मुताबिक डीआरडीओ की इस मुहीम के तहत अब तक भारत ने पिछले एक महीने के दौरान लगभग 4 दिनों पर एक मिसाइल का परीक्षण किया है. डीआरडीओ के प्रोजेक्ट से जुड़े एक मिसाइल एक्सपर्ट का कहना है कि चीन के साथ बिगड़ते संबंधों के बीच डीआरडीओ को सबकी नजरों से दूर कहा गया है कि फास्ट ट्रैक के तहत मिसाइल प्रोग्राम को पूरा करें क्योंकि भारत सरकार को सीमा पर शांति के लिए चीन के तरफ से किए गए प्रतिबद्धता पर शंका है.

आइए आपको बताएं कि पिछले कुछ दिनों में किन मिसाइलो का सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया. 

  • 7 सितंबर को भारत ने हाइपरसोनिक टेक्नॉलोजी डेमोनस्ट्रेटर वैकिल (एसएसटीडीवी) का परीक्षण किया.
  • इसके परीक्षण के महज 4 सप्ताह के दौरान सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का परीक्षण किया गया.
  • इसके बाद परमाणु संपन्न शौर्य सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया.
  • DRDO ने परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी -2 का परीक्षण भी किया, जो सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जो 300 किमी की दूरी पर लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम है. यह भारत की पहली स्वदेशी सतह से सतह पर रणनीतिक मिसाइल है.
  • 9 अक्टूबर को भारत ने पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रुद्रम-1' का सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल के मिलने से भारतीय वायु सेना की ताकत और बढ़ जाएगी.

गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव
आपको बता दें कि इस साल की 5 मई को भारतीय जवानों ने गलवान घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मीके साथ लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर हिंसक संघर्ष किया जिसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख को लेकर तनाव जारी है. आपको बता दें कि ये पहला मौका था जब उस सीमारेख पर  भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की थी, जिसके बाद पूर्वी लद्दाख में चार स्थानों को लेकर दोनों देशों के बीच तेजी से गतिरोध पैदा हो गया. यह गतिरोध जून में खूनी संघर्ष में बदल गया, इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं इस झड़प में ड्रैगन ने भी अपने जवानों के नुकसान की बात स्वीकार की है लेकिन उसने जवानों की संख्या नहीं बताई है.