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मसूद अजहर पर चीन का 'वीटो', भारत ने बीजिंग के दोहरे रवैये पर जताई निराशा

जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के प्रस्ताव पर चीन के वीटो किए जाने के बाद आतंक के दोहरे रवैये को लेकर भारत ने गहरी नाराजगी जताई है।

Updated on: 03 Nov 2017, 10:09 AM

highlights

  • मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के प्रस्ताव पर चीन के वीटो किए जाने के बाद भारत ने जताई नाराजगी
  • जैश-ए-मोहम्मद चीफ अजहर पंजाब के पठानकोट में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है

नई दिल्ली:

जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट (वैश्विक आतंकी) घोषित किए जाने के प्रस्ताव पर चीन के 'वीटो' किए जाने के बाद भारत ने आतंक पर बीजिंग के दोहरे रवैये को लेकर गहरी नाराजगी जताई है।

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'इस फैसले से हमें एक बार फिर से गहरी निराशा हुई है। महज एक देश ने घोषित आतंकवादी मसूद अजहर पर बनी अंतरराष्ट्रीय सहमति को प्रतिबंधित कर दिया।'

मंत्रालय ने कहा, 'भारत का मजबूती से मानना रहा है कि दोहरा रवैया और चुनिंदा रुख आतंकवाद से लड़ने के मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता को कमजोर करेगा।'

भारत ने कहा कि चीन को जल्द ही इस बात का एहसास होने की उम्मीद कर सकता है कि छोटे हितों के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल न कवेल अदूरदर्शी बल्कि घातक फैसला साबित हो सकता है।

अजहर पंजाब के पठानकोट में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है।

पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड को फिर मिला चीन का साथ, लगाया वीटो

मंगलवार को चीन ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के उस प्रस्ताव को 'वीटो' कर दिया, जिसमें अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने की मांग की गई है।

चीन ने कहा, 'इस मामले पर कोई सहमति नहीं बन पाई है।'

भारत मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने की लगातार कोशिश करता रहा है, लेकिन चीन ने हर बार इस प्रस्ताव में अड़ंगा लगाया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल पांच स्थायी सदस्यों को वीटो के तौर पर विशेषाधिकार मिला हुआ है।

चीन के अलावा यह अधिकार अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के पास है। अजहर, जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन का संस्थापक है, और यह पहले से ही संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित आतंकी सूची में शामिल है।

गौरतलब है कि इससे पहले चीन ने अगस्त महीने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के इस प्रस्ताव को तकनीकी आधार पर तीन महीने के लिए होल्ड पर डाल दिया था।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने चीनी विदेश मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया है, 'बीजिंग ने इस मामले में किसी तरह की सहमति नहीं बनने को आधार बताते हुए इस प्रस्ताव को वीटो कर दिया।'

अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने का मामला भारत और चीन के बीच तनाव के कारणों में से एक है। ब्रिक्स सम्मेलन में चीन संयुक्त बयान में अजहर के संगठन को शामिल करने के लिए सहमत हुआ था। हालांकि वह संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद में हमेशा मसूद अजहर का बचाव करता रहा है।

चीन को छोड़कर, 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के सदस्य अजहर पर प्रतिबंद्ध लगाने के पक्ष में हैं।

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