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हार्ट ऑफ एशिया समिट: डिनर पर मिले पीएम मोदी और सरताज अजीज

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए सरताज अजीज का भारत आना काफी अहम माना जा रहा है। ऐसे में लंबे समय से रूकी बातचीत होगी या नहीं इस पर सबकी नजर है।

Updated on: 04 Dec 2016, 12:27 AM

highlights

  • रविवार से शुरू हो रहे 'हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस' के लिए अमृतसर पहुंचे सदस्य देशों के प्रतिनिधि
  • सरताज ने डिनर पर पीएम मोदी से की मुलाकात, एक दिन पहले भारत आए हैं अजीज
  • शनिवार देर शाम सुषमा स्वराज की स्वास्थ्य कामना करते हुए अजीज ने भेजा था गुलदस्ता

नई दिल्ली:

'हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस' में शामिल होने के लिए सदस्य देशों के नेता अमृतसर पहुंच चुके हैं। भारत, चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान समेत 14 देशों के प्रतिनिधि कांफ्रेंस में हिस्सा ले रहे हैं। शनिवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज अमृतसर पहुंचे।

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए सरताज अजीज का भारत आना काफी अहम माना जा रहा है। ऐसे में लंबे समय से रूकी बातचीत होगी या नहीं इस पर सबकी नजर है।

सरताज अजीज देर रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डिनर में भी शामिल हुए। उन्होंन आमंत्रित मेहमानों को दिए गए डिनर के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ अनौपचारिक बातचीत की।

मौसम खराब रहने की आशंका के कारण सरताज अजीज एक दिन पहले ही अमृतसर पहुंच गए। पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक अजीज को रविवार सुबह आना था और शाम को लौट जाना था। अमृतसर एयरपोर्ट पर सरताज की अगवानी करने के लिए भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित पहुंचे थे।

अजीज की तरफ से शनिवार देर शाम विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नई दिल्ली स्थित घर पर स्वास्थ्य कामना करते हुए गुलदस्ता भी भेजा गया।

ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि दोनों देशों के बीच बातचीत हो सकती है। लेकिन हालिया नागरोटा और उरी हमले को देखते हुए बातचीत की उम्मीद कम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पिछले दिनों कहा था कि हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस से इतर पाकिस्तान से बातचीत नहीं होगी।

तस्वीरों में देखें: पीएम मोदी ने अमृतसर के 'स्वर्ण मंदिर' में परोसा लंगर

भारत-पाकिस्तान के बीच ऐसी दोस्ती एक साल पहले इस्लामाबाद में हुई हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस में देखी गई थी। जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सरताज अजीज के बीच हुई बैठक में 'समग्र बातचीत' को लेकर सहमति बनी थी। लेकिन पठानकोट हमले के बाद से दोनों देशों के बीच बातचीत रुकी है।

कितना खास है 'हार्ट ऑफ एशिया समिट'?

विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अशरफ गनी संयुक्त रूप से हार्ट ऑफ एशिया के मंत्रिस्तरीय विचार-विमर्श सत्र का उद्घाटन करेंगे, जिसमें रविवार को 14 देशों के अधिकारी शामिल होंगे।

सरताज अजीज इस सम्मेलन में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। यह सम्मेलन अफगानिस्तान और उसके पड़ोसियों के बीच क्षेत्रीय सहयोग पर केंद्रित है। इसका मकसद बेहतर संपर्क बनाना और युद्ध से तबाह देश में सुरक्षा के खतरों से निपटना है।

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पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) हार्ट ऑफ एशिया इनिशिएटिव के हिस्से हैं।

इसकी शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी। इसका मकसद अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच आतंकवाद, चरमपंथ और गरीबी जैसी समान समस्याओं से निपटने के लिए आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।

इस्तानबुल में नवंबर 2011 में स्थापित इस सम्मेलन के आयोजकों ने कहा कि इसका मकसद भरोसा बढ़ाने के उपायों को मजबूत करना और मादक पदार्थो की तस्करी और आतंकवाद के मुकाबले के लिए कदम उठाना और अफगानिस्तान में व्यापार, वाणिज्य और निवेश के अवसरों को विस्तारित करना है।

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भारत पहली बार हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रेंस का आयोजन कर रहा है। इससे पहले पांच बार यह कांफ्रेंस हो चुका है। अफगानिस्तान हार्ट ऑफ एशिया का स्थायी अध्यक्ष है, जबकि मेजबान देश इसका सह-अध्यक्ष होता है।

(इनपुट एजेंसी से भी)