पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर जुल्म-ओ-सितम की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है. पहले इस्लामाबाद में हिन्दू मंदिर बनाने पर आपत्ति करने वाले पाकिस्तान ने अब लाहौर के नौलखा बाजार में गुरुद्वारा शहीदी स्थान को मस्जिद में तब्दील करने की नाकाम कोशिश की है. आपको बता दें कि भारत ने लाहौर की इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इस घटना पर विरोध जताते हुए कहा कि, 'पाकिस्तानी उच्चायोग के समक्ष आज उस कथित घटना को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया कि पाकिस्तान के लाहौर के नौलखा बाज़ार स्थित भाई तारु सिंह जी के शहादत स्थल गुरुद्वारा 'शहीदी स्थान' को कथित तौर पर मस्जिद शहीद गंज स्थान होने का दावा किया गया है और उसे एक मस्जिद में तब्दील करने के प्रयास किये जा रहे हैं.'
एक वरिष्ठ पत्रकार आदित्यराज कौल ने भी सोशल मीडिया पर ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए इस घटना पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा इस घटना को लेकर भारत ने आज कड़ा विरोध दर्ज करवाया है.
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भारत ने जताई चिंता
अनुराग श्रीवास्तव ने बताया है कि, 'लाहौर के नौलखा बाजार में भाई तारू सिंह जी के शहीदी स्थल पर मस्जिद शहीद गंज के नाम दावा किए जाने की घटना पर पाकिस्तान के उच्चायोग में सोमवार को कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है.' इसे मस्जिद बनाए जाने की कोशिश की जा रही है. जिसके बाद मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि गुरुद्वारा शहीदी अस्थान भाई तारू जी एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है जहां भाई तारू जी ने 1745 में सर्वोच्च बलिदान दिया था. गुरुद्वारा सिखों के लिए एक सम्मानित और पवित्र स्थान है। इस घटना को लेकर भारत चिंतित है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लिए न्याय की मांग की गई है, और भारत ने अपनी चिंता जाहिर की है.
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भारत ने की कड़े कदम उठाने की मांग
अनुराग श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया है कि भारत ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और इस घटना पर अपनी चिंता जताई है. उन्होंने इसके साथ ही पाकिस्तान से मामले की जांच के लिए कहा है. साथ ही फौरन कड़े कदम उठाने के लिए भी कहा है। पाकिस्तान से अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा का ध्यान रखने, उनके धार्मिक अधिकारों और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने के लिए कहा गया है.
Source : News Nation Bureau