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भारत को मिला आईएनएस विक्रांत तो पाकिस्तान भी ले आया है ये युद्धपोत, जानिए कौन ताकतवर

आईएनएनस विक्रांत (INS Vikrant) तो भारतीय नौसेना को मिल गया लेकिन पाकिस्तान भी नौसेना को मजबूत करने के लिए तमाम कदम उठा रहा है. उसकी नौसेना में भी हाल में पीएनएन तैमूर शामिल किया गया है. अब सवाल है कि आईएनएस विक्रांत और पीएनएस तैमूर में क्या अंतर है. 

Updated on: 03 Sep 2022, 09:21 AM

नई दिल्ली :

INS Vikrant and Paksitan PNS Taimur : भारत की नौसेना के पास आईएनएस विक्रांत आ गया है. यह भारत का पहला स्वदेश निर्मित एयर क्राफ्ट कैरियर है. इस तरह अब भारत को पास दो एयरक्राफ्ट करियर हो गए हैं. पहला आईएनएस विक्रमादित्य और दूसरा आईएनएस विक्रांत. बड़ी मजेदार बात ये है कि पाकिस्तान के पास कोई भी एयरक्राफ्ट करियर नहीं है. हालांकि ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान के पास युद्धपोत नहीं है लेकिन वह  चीन से युद्धपोत खरीद रहा है. पाकिस्तान ने हाल ही में चीन से टाइट-054 फ्रिग्रेट लेकर अपनी नौसेना में शामिल किया है. इसका नाम पीएनएस तैमूर दिया गया है. इससे पहले साल 2021 में भी पाकिस्तान ने चीन से एक युद्धपोत खरीदा था, जिसका नाम पीएनएस तुरगल दिया गया था. अब सवाल ये है कि आखिर चीन से लगातार युद्धपोत खरीद रहे पाकिस्तान की नौसेना भारत के लिए कितना बड़ा खतरा हो सकती है. तो चलिए आपको डिटेल बताते हैं. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सबसे पहले तो भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर युद्धपोत हैं, जबकि पाकिस्तान के पास एक भी नहीं हैं. टोटल नौसैनिक युद्धपोत की बात करें तो चीन से कुछ युद्धपोत खरीदने के बाद भी पाकिस्तान के पास कुल 104 युद्धपोत हैं, जबकि भारत के पास कुल मिलाकर 286 युद्धपोत हैं. डीजल से चलने वाली 16 पनडुब्बियां भारत के पास हैं, जबकि पाकिस्तान के पास सिर्फ 9 हैं. परमाणु ऊर्जा से चलने वाली एक पनडुब्बी भारत के पास है, जबकि पाकिस्तान के पास एक भी नहीं है. भारत के पास कुल 13 फ्रिगेट्स हैं, जबकि पाकिस्तान के पास कुल 8 हैं. इसके बाद गश्ती पोतों की संख्या सुनकर तो आप चौंक जाएंगे. भारत के पास 139 गश्ती पोत हैं, जबकि पाकिस्तान के पास सिर्फ 49 हैं.  कार्वेट्स तो भारत के पास 23 जबकि पाकिस्तान के पास सिर्फ 2 हैं. पोर्ट और टर्मिनल भारत के पास 13 और पाकिस्तान के पास 2 हैं. यहां ये भी बता दें कि यह आंकड़े लगभग में हैं. क्योंकि दोनों देश लगातार सैन्य उपकरण खरीदने के लिए डील कर रहे हैं और रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार सही संख्या भी कोई देश घोषित नहीं करता, ऐसे में हथियारों की संख्या में थोड़ा हेरफेर हो सकता है. 

इससे ही साफ झलकता है की चीन से जंगी पोत खरीदकर भी पाकिस्तान अभी भारत से बहुत पीछे है और पाकिस्तान की नौसेना, भारत के आगे कहीं ठहरती नहीं. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स ये भी बता रही हैं कि जब नौसेना के ये आंकड़े सामने आए उसके बाद से एक साल गुजर गया है और पाकिस्तान चीन से युद्धपोत के अलावा पनडुब्बियां भी खरीद रहा है और तुर्की से भी कॉर्वेट्स खरीदने की डील उसने पिछले साल की थी. लेकिन इतनी डील के बाद भी अभी पाकिस्तान भारत से काफी पीछे दिखाई देता है.