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भगवान बुद्ध के बताए रास्‍तों पर चल रहा भारत, खुद के साथ पूरी दुनिया की कर रहा है मदद : पीएम नरेंद्र मोदी

बुद्ध पूर्णिमा पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बार फिर राष्‍ट्र को संदेश दिया. पीएम मोदी ने भगवान बुद्ध के बताए रास्‍तों का जिक्र करते हुए कोरोना के संकटकाल में खुद को बचाने के साथ-साथ मानवता के साथ खड़े होने का भी संदेश दिया.

Updated on: 07 May 2020, 09:43 AM

नई दिल्ली:

आज गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा (Budh Purnima) पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बार फिर राष्‍ट्र को संदेश दिया. पीएम मोदी (PM Modi) ने भगवान बुद्ध के बताए रास्‍तों का जिक्र करते हुए कोरोना के संकटकाल में खुद को बचाने के साथ-साथ मानवता के साथ खड़े होने का भी संदेश दिया. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कोरोना के संकटकाल में पूरा देश एकजुट खड़ा है. मुझे विश्‍वाास है कि ऐसे ही संगठित प्रयासों से हम मानवता को हम इस मुश्‍किल से बाहर निकाल पाएंगे. जीवन के हर मुश्‍किल को दूर करने के संदेश के माध्‍यम से भारत ने हमेशा दिशा दिखाई है. भारत की संस्‍कृति और महान परंपरा को हम आगे बढ़ाएं, अपने जीवन यात्रा में दूसरों के जीवन को भी प्रकाशित करते रहें. बुद्ध केवल एक प्रसंग तक सीमति नहीं हैं.

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पीएम मोदी ने कहा, सिद्धार्थ के जन्‍म और उनके गौतम होने से पहले, इतनी शताब्‍दियों में उनका गौरव निरंतर चल रहा है. समय बदला, हालात बदले, लेकिन भगवान बुद्ध का संदेश निरंतर प्रवाहमान रहा है. यह सब इसलिए संभव हो पाया है क्‍योंकि बुद्ध केवल एक नाम नहीं है, पवित्र विचार है. एक ऐसा विचार जो हर मानव के दिल में धड़कता है.

पीएम नरेंद्र मोदी बोले, बुद्ध त्‍याग और समर्पण का परिचायक है, बुद्ध वो है जो स्‍वयं को खपाकर खुद को न्‍यौछावर करके पूरी दुनिया में आनंद फैलाने के लिए समर्पित है. हम सभी का सौभाग्‍य देखिए कि हम अपने आसपास हम ऐसे अनेक लोगों को देख रहे हैं, जो किसी गरीब को भोजन कराने के लिए, अस्‍पताल में सफाई के लिए, कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं. भारत में भारत के बाहर ऐसा हर आदमी अभिनंदन का पात्र है, नमन का पात्र है. ऐसे समय में जब दुनिया में उथल पुथल है, कई बार दुख, निराशा और हताशा का भाव अधिक दिखता है, तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाता है.मानव को हमेशा ऐसा प्रयत्‍न करना चाहिए कि वह कठिन हालात में विजय प्राप्‍त करे. थककर रुक जाना सही नहीं होता. आज हम सब साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

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प्रधानमंत्री ने कहा, भगवान बुद्ध के बताए चार सत्‍य दया, करुणा, समभाव और जो जैसा है उसे उसी रूप में स्‍वीकारना, ये सत्‍य निरंतर भारत भूमि की प्रेरणा बने हुए हैं. आज भारत बिना किसी भेद के अपने यहां या फिर विश्‍व में संकट में घिरे आदमी के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा है. जितना संभव हो, मदद का हाथ आगे बढ़ाएं. यही कारण है कि विश्‍व के तमाम देशों ने इस संकटकाल में भारत को याद किया और भारत ने मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. भारत अपने नागरिकों के लिए प्रयास तो कर ही रहा है, विश्‍व में भी मानवता के लिए काम कर रहा है.

वे बोले, भगवान बुद्ध के एक-एक वचन भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है. भारत निरंतर पूरी मानवता के लिए, पूरे विश्‍व के हित में काम कर रहा है और करता रहेगा. भारत की प्रगति हमेशा विश्‍व की प्रगति में सहायक होगी. हमारी सफलता के पैमाने और लक्ष्य समय के साथ बदलते रहते हैं, लेकिन जो बात हमें हमेशा ध्‍यान रखनी है, वो यह कि हमारा काम निरंतर सेवा भाव से ही होना चाहिए. जब दूसरे के लिए करूणा हो, सेवा का भाव हो तो यह भाव हमें इतना मजबूत कर देती हैं कि बड़ी से बड़ी चुनौती आप पार पा सकते हैं.

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उन्‍होंने कहा, जो दिन रात मानवता की सेवा में जुटे रहते हैं, वहीं बुद़्ध के सच्‍चे अनुयायी हैं. यही भाव हमारे जीवन को प्रकाशमान करता रहे, गतिमान करता रहे, इसी कामना के साथ आप सभी का बहुत आभार. इस संकट के समय में आप खुद का, परिवार का ध्‍यान रखें और अपनी रक्षा करें और यथा संभव दूसरों की भी मदद करें.