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दिल्ली लौटे INDIA के सांसद बोले- मणिपुर में सिर्फ इस रास्ते ही शांत हो सकती है हिंसा

Manipur Violence : सांसदों का प्रतिनिधिमंडल ने दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन रविवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन दिया. अब मणिपुर से लौटने के बाद विपक्षी दलों के सांसदों के बयान सामने आए हैं. 

Updated on: 30 Jul 2023, 06:39 PM

नई दिल्ली:

Manipur Violence : मणिपुर पिछले तीन महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. दो समुदाय के जातीय संघर्ष ने पूरे राज्य में अशांति पैदा कर दिया है. मणिपुर दौरै पर गए I.N.D.I.A अलायंस के सांसद दिल्ली लौट आए हैं. 16 विपक्षी पार्टियों के 21 सांसदों ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत शिविरों में रह रहे लोगों का हालचाल जाना. सांसदों का प्रतिनिधिमंडल ने दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन रविवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन दिया. अब मणिपुर से लौटने के बाद विपक्षी दलों के सांसदों के बयान सामने आए हैं. 

मणिपुर से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही मणिपुर के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही हैं. दिल्ली और देश के बाहर भी बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं... लोगों के घरों में खाना और दवाइयां नहीं हैं, बच्चों के पास पढ़ने के लिए कोई सुविधा नहीं है, कॉलेज के छात्र कॉलेज नहीं जा सकते. दो समुदायों के बीच लड़ाई को खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है... राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अपनी आंखें बंद ली हैं.

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि वहां लोगों के साथ जो हुआ उससे हम निराश हैं. राज्यपाल से मुलाकात में हमने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक अखिल भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल यहां आए, हम पहले दिन से यही सुझाव दे रहे हैं, लेकिन पीएम गायब हैं. उनके मंत्री दिल्ली में बैठकर बयान दे रहे हैं. उन्हें वहां की जमीनी हकीकत देखने के लिए मणिपुर का दौरा करना चाहिए. 

जदयू सांसद राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि दोनों समुदायों में असुरक्षा की भावना और विश्वास की कमी है, उन्होंने राज्य सरकार पर विश्वास की कमी व्यक्त की. उनका कहना है 3 मई के बाद से घटनाएं हुईं, लेकिन राज्य सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए. राज्यपाल ने कहा कि वह सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन हम जानते हैं कि राज्यपाल के पास सीमित शक्तियां हैं और राज्य को चलाने की शक्ति राज्य सरकार के हाथों में है.

TMC सांसद सुष्मिता देव ने दिल्ली में कहा कि हमने मणिपुर की राज्यपाल से कहा कि हम एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल चाहते थे, लेकिन सरकार सहमत नहीं थी इसीलिए I.N.D.I.A गठबंधन ने दौरा किया... जब PM मोदी संसद में आएंगे तब हम अपनी बात रखेंगे. 

DMK सांसद कनिमोझी ने कहा कि हमने राज्यपाल को अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं, वह भी चिंतित हैं और चाहती हैं कि हम केंद्र सरकार को बताएं कि हमने क्या देखा है... हम बहस के लिए कहेंगे और हम सरकार को बताना चाहते हैं कि हमने क्या देखा है और लोग भी चाहते हैं सभी दलों के नेता वहां (मणिपुर) जाएं और देखें कि क्या हो रहा है... वहां शांति वार्ता होनी चाहिए, यही एकमात्र रास्ता है.

एनसीपी (शरद पवार गुट) सांसद पी.पी. मोहम्मद फैजल का कहना है कि हमने जो कुछ भी देखा और सुना है वह हमारी उम्मीदों से परे है... उन लोगों को हुई पीड़ा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता... अगर सरकार ने शुरू में कार्रवाई की होती तो ऐसी स्थिति से बचा जा सकता था, सरकार मूकदर्शक बनी रही और ठीक से कार्रवाई नहीं की... हमने राज्यपाल से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया है कि वे एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लाने और इन समुदायों के नेताओं को बुलाकर एक साथ बैठाने के लिए सरकार से बात करें.

मणिपुर से लौटने के बाद झामुमो सांसद महुआ माजी ने कहा कि वहां दोनों समुदाय के लोग परेशान हैं. हिंसा अभी भी जारी है... राज्यपाल ने हमसे पहल करने और समाधान निकालने को कहा. वह खुद को असहाय महसूस कर रही हैं... संसद में सोमवार को हमारी बैठक होगी, जिसके बाद हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे.

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि मणिपुर की स्थिति अभी भी खराब होती जा रही है. राहत शिविरों में लोगों को दवाइयों तक की आधारभूत सुविधा नहीं मिल रही. राहत शिविरों में सुविधाओं की तत्काल आवश्यकता है... राज्यपाल से मांग की है कि तुरंत एक सर्वदलीय बैठक मणिपुर भेजी जाए, ताकि स्थिति का आकलन करके भारत सरकार को सिफारिशें दी जा सकें.

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राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हम चाहते हैं कि मणिपुर में शांति बहाल हो. हमारी एकमात्र मांग है कि दोनों समुदाय सद्भाव से रहें. मणिपुर में स्थिति खौफनाक, दर्दनाक और पीड़ादायक है. संसद में पहले ही चर्चा हो चुकी है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मणिपुर का दौरा करना चाहिए.