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Tawang: भारत से ज्यादा चीनी सैनिकों को नुकसान, हमारे जवान एक इंच भी नहीं हटे

अरुणाचल-ईस्ट लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने कहा कि मैंने तवांग सेक्टर में चीनी घुसपैठ के बारे में सुना. पूरी जानकारी जब सामने आई तो पता चला है कि पीएलए के जवानों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की. वो एक चोटी से भारतीय पोस्ट....

Updated on: 13 Dec 2022, 07:58 AM

highlights

  • अरुणाचल में चीनी सैनिकों ने की घुसपैठ की कोशिश
  • भारतीय सेना ने दिया माकूल जवाब
  • वापस लौटने को मजबूर हुई चीनी सेना

नई दिल्ली:

India-China Face off in Tawang, Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सेना की ओर से घुसपैठ की खबर आई है. जानकारी ये भी सामने आ रही है कि शुरुआत में 200 चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की थी, जिन्हें महज 50 भारतीय सैनिकों ने पीछे लौटने पर मजबूर कर दिया. इस घटना में कई चीनी सैनिक घायल हुए, तो कुछ भी भारतीय भी. तभी रि-इंफोर्समेंट के साथ 100 चीनी सैनिक और पहुंच गए तो उन्हें बल मिलने लगा. लेकिन भारतीय सेना के 75 जवान भी वहां पहुंच गए और सभी 300 चीनी सैनिकों की धज्जियां उड़ा दी. इस पूरे घटनाक्रम में तीन दर्जन से अधिक चीनी जवान बुरी तरह से घायल हैं. वहीं, एक दर्जन भारतीय जवान भी घायल हैं. स्थानीय बीजेपी सांसद ने बताया कि भारतीय सैनिकों ने एक भी चीनी सैनिक को भिडंत की जगह के एक भी इंच आगे नहीं आने दिया. बल्कि उन्हें बुरी हालत में वापस लौटने को मजबूर कर दिया. 

भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

अरुणाचल-ईस्ट लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद तापिर गाओ ने कहा कि मैंने तवांग सेक्टर में चीनी घुसपैठ के बारे में सुना. पूरी जानकारी जब सामने आई तो पता चला है कि पीएलए के जवानों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की. वो एक चोटी से भारतीय पोस्ट को हटाना चाहते थे. लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया. कुछ भारतीय जवान घायल हैं, तो उससे कहीं ज्यादा नुकसान चीनी जवानों को पहुंचा है. भारतीय सेना सीमा पर एक इंच भी पीछे नहीं हटी है. उन्होंने चीनी घुसपैठ की निंदा की और पूरे वाकये को भी चीन की बदमाशी से जोड़ा है. 

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भारतीय सेना के शौर्य पर शक नहीं, लेकिन सरकार...

इस बीच एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मामले को लोकसभा में उठाने के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के शौर्य पर किसी को शक नहीं है. लेकिन सरकार को अपनी मंशा साफ करनी चाहिए. ये पूरा घटनाक्रम 9 दिसंबर का है, और पूरे देश को इसकी जानकारी 12 दिसंबर को मिल रही है. वो भी तब, जब संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. ऐसे में सरकार को कड़े से कड़े उठाने चाहिए, न कि मामले को दबाने की कोशिश करनी चाहिए.