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आतंक के खिलाफ संयुक्त रूप से युद्ध का अभ्यास करेंगे भारत और रूस, जानें क्या है इंद्र-21

आज पूरा विश्व आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है. समय-समय पर इससे निपटने के लिए हमारी सेनाएं नई-नई तकनीकि व युद्ध कौशल को सीखने के लिए लगातार मेहनत करती हैं. इसी के तहत भारत और रूस की सेनाओं का 12वां सैन्याभ्यास भी आयोजित होने जा रहा है.

Updated on: 27 Jul 2021, 01:40 PM

highlights

  • भारत और रूस की सेनाओं का 12वां सैन्याभ्यास होगा आयोजित
  • यह सैन्याभ्यास रूस के वोल्गोग्राद में 1 अगस्त से 13 अगस्त तक चलेगा
  • भारत और रूस के इस संयुक्त सैन्याभ्यास को इंद्र-21 नाम दिया गया है

नई दिल्ली:

आज पूरा विश्व आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार है. समय-समय पर इससे निपटने के लिए हमारी सेनाएं नई-नई तकनीकि व युद्ध कौशल को सीखने के लिए लगातार मेहनत करती हैं. इसी के तहत भारत और रूस की सेनाओं का 12वां सैन्याभ्यास भी आयोजित होने जा रहा है. यह सैन्याभ्यास रूस के वोल्गोग्राद में एक अगस्त से तेरह अगस्त तक चलेगा. भारत और रूस के इस संयुक्त सैन्याभ्यास को इंद्र-21 नाम दिया गया है. यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई सम्बंधी फैसले के तहत आयोजित हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र के इस फैसले के अनुपालन में ही दोनों देशों की सेनायें आतंक विरोधी अभ्यास करेंगी.

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भारत की ओर से मैकेनाइज्ड इंफेंट्री बटालियन होगी युद्धाभ्यास में शामिल

रूस में होने वाले इस अभ्यास में दोनों देशों के 250 सैन्यकर्मी प्रतिभाग करेंगे. भारत की ओर से इस अभ्यास में मैकेनाइज्ड इंफेंट्री बटालियन को भेजा जा रहा है. ये बटालियन एक खास तरह के सैनिकों का समूह है, जिसे भारत के विभिन्न हिस्सों में व विभिन्न परिस्थितियों में कठिन प्रशिक्षण दिया गया है. इस बटालियन को युद्धाभ्यास के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है, जिसकी वजह से सैनिकों का यह बटालियन पूरी तरह से तैयार है और संयुक्त सैन्याभ्यास के लिए काफी उत्साहित भी है. इस बटालियन में कुछ चुनिंदा सैनिकों को ही शामिल किया गया है. 

आतंकवाद से निपटने के नए गुर सीखेंगे दोनों देशों के सैनिक

सैन्याभ्यास इंद्र-21 को आयोजित करने के पीछे विशेष वजह है. वैसे तो कभी भी दंगे-फसाद अथवा सीमा पर तनाव होने पर, उसे संभालने की कमान सेना को ही सौंप दी जाती है. लेकिन इस खास बटालियन को इंद्र-21 सैन्याभ्यास में विश्वव्याप्त आतंकवाद से निपटने के नये गुर सिखाए जाएंगे. जिससे हमारी सेनाएं कठिन से कठिन परिस्थिति में भी आतंकवादियों का सामना कर सके और उन्हें धूल चटा सके. इस अभ्यास से भारतीय व रूसी फौजों के बीच आपसी तालमेल रखते हुए, आपसी सहयोग की भावना से कार्रवाई करने की क्षमता में भी इजाफा होगा और अन्य कार्यक्षमताओं में वृद्धि होगी. इस अभ्यास के दौरान दोनों फौजें आपस में अपनी युद्ध कुशलता को भी साझा करेंगी, जिससे दोनों ही फौजों को लाभ होगा और उनकी युद्ध कुशलता में भी वृद्धि होगी. साथ ही सालों पुराने और काफी लंबे समय से चले आ रहे भारत और रूस के सौहार्दपूर्ण मैत्री संबंद्ध भी पहले से ज्यादा मज़बूत होंगे. यह अभ्यास इंद्र-21 दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के मामलों को और भी मजबूती देगा, जिससे दोनों देशों के सैनिकों में आपसी रक्षा सहयोग की भावना भी विकसित होगी.