सोची में राष्ट्रपति पुतिन से मिले पीएम मोदी, कहा- SCO में स्थायी सदस्यता दिला सकता है रूस
सोची पहुंचने के बाद पुतिन ने बेहद गर्मजोशी के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया और उनके गले से लगाया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच एक बैठक भी जिसपर कई अनौपचारिक मुद्दों पर चर्चा हुई।
नई दिल्ली:
रूस के सोचि शहर में व्लादिमिर पुतिन के साथ अनौपचारिक मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत वापस लौट आए हैं। दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। एक दिन की रूस यात्रा के बाद पीएम को खुद पुतिन एयरपोर्ट तक छोड़ने के लिए आए।
जानकारी के मुताबिक, सोचि पहुंचने के बाद पुतिन ने बेहद गर्मजोशी के साथ पीएम मोदी का स्वागत किया और उन्हें गले से लगाया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच एक बैठक भी हुई, जिसपर कई अनौपचारिक मुद्दों पर चर्चा हुई। गौरतलब है कि पीएम मोदी का यह दौरा महज नौ घंटे का था।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'भारत को शंघाई कॉर्पोरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) में स्थायी सदस्यता दिलाने में रूस हमारी मदद कर सकता है। हमलोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर से लेकर दक्षिण तक मालों की ढुलाई के लिए गलियारा बनाने पर साथ काम कर रहे हैं।'
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा था कि, 'सब कुछ 9 घंटों में। उच्चस्तरीय यात्राओं के तहत प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए सोची पहुंचे।'
रवीश कुमार ने कहा, 'दोनों नेता प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात करेंगे। इसके बाद बोचेरेव क्रीक में दोपहर का भोजन करेंगे और वार्ता के साथ इस दौरे की समाप्ति होगी।'
नई दिल्ली से रविवार को रवानगी से पहले मोदी ने कहा कि उनकी पुतिन से वार्ता द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
मोदी ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगी।'
मोदी की यह यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विजय गोखले की इस महीने की शुरुआत में रूस दौरे के बाद हुई।
रोसोबोरोनएक्सपोर्ट सहित रूसी कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध से भारत में चिंता बढ़ी है, क्योंकि इससे रूस से भारत की सैन्य खरीद पर संभावित असर पड़ा है।
रोसोबोरोनएक्सपोर्ट सरकारी रूसी हथियार ट्रेडिंग कंपनी है।
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विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी की रूस यात्रा उनके व पुतिन के अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर विचार-विमर्श के लिए विशेष अवसर है और दीर्घकालिक परिपेक्ष्य में यह विशेष रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगी।
पुतिन के इस साल के अंत में भारत में वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। रूस व जापान सिर्फ दो देश हैं जिनके साथ भारत वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करता है।
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