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अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की बढ़ाएं निगरानी, कोरोना वेरिएंट पर ICMR ने चेताया

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ  वायरोलॉजी (NIV), पुणे स्थित, आईसीएमआर, नई दिल्ली और आईजीआई एयरपोर्ट, नई दिल्ली पर कोरोना की जांच करने वाले जेनेस्ट्रिंग डायग्नोस्टिक के संयुक्त अध्ययन में कोरोना के ईटा वेरिएंट के बारे में पता चला है.

Updated on: 05 Mar 2022, 11:38 AM

highlights

  • कोरोनावायरस के और भी नए वेरिएंट देश में प्रवेश कर सकते हैं
  • भारत में पहली बार ईटा वेरिएंट की पुष्टि फरवरी 2021 में हुई थी
  • नए वेरिएंट में एंटीबॉडी पर हमला करने वाला म्यूटेशन भी दिखा है

New Delhi:

कोरोनावायरस की चौथी लहर के खतरे को रोकने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी को सबसे ज्यादा जरूरी बताया है. इसके पीछे वैज्ञानिकों की दलील है कि इनके जरिए कोरोनावायरस के और भी नए वेरिएंट देश में प्रवेश कर सकते हैं. परिषद के वैज्ञानिकों ने हाल ही में दिल्ली और मुंबई में वायरस के ईटा वेरिएंट की मौजूदगी का भी पता लगाया है. यह विदेश से आने वालों के साथ-साथ समुदाय स्तर पर भी कोरोना मरीजों में पाया गया है. कोरोना के इस नए वेरिएंट में लोगों की एंटीबॉडी पर हमला करने वाला म्यूटेशन भी देखने को मिला है.

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ  वायरोलॉजी (NIV), पुणे स्थित, आईसीएमआर, नई दिल्ली और आईजीआई एयरपोर्ट, नई दिल्ली पर कोरोना की जांच करने वाले जेनेस्ट्रिंग डायग्नोस्टिक के संयुक्त अध्ययन में कोरोना के ईटा वेरिएंट के बारे में पता चला है. इसके मुताबिक दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर 212 लोगों के सैंपल इकट्ठा किए गए थे. इनमें 146 लोग विदेश यात्रा से जुड़े थे. जबकि 66 मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. 

एंटीबॉडी पर हमला करने वाला म्यूटेशन

इन सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई तो इनमें से 90 की रिपोर्ट में  से 14 में ईटा वेरिएंट मिला है. जिन लोगों में यह वेरिएंट मिला वे यूएई, दक्षिण अफ्रीका, कतर, नाइजीरिया, सूडान इत्यादि देशों से आए थे. इनके अलावा दो और सैंपल में यह वेरिएंट मिला है. इनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. यह दोनों ही सैंपल मुंबई एयरपोर्ट के बाहर लिए गए थे. इस वेरिएंट में ऐसा म्यूटेशन है जिसे एंटीबॉडी पर हमला करने के रूप में जाना जाता है.

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फरवरी 2021 में भारत में पहली बार ईटा वेरिएंट

एनआईवी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा यादव केमुताबिक भारत में पहली बार ईटा वेरिएंट की पुष्टि फरवरी 2021 में हुई थी. अभी तक यह वेरिएंट विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से चिंताजनक श्रेणी में रखा गया है. दुनिया के 85 देशों में इसकी मौजूदगी का पता चला है. हालांकि भारत में अब यह समुदाय और विदेश यात्रा से लौटने वाले दोनों लोगों में ही देखने को मिल रहा है. इसी के मद्देनजर आईसीएमआर ने सावधान किया है कि ओमिक्रॉन और डेल्टा के साथ साथ कोरोनावायरस के दूसरे वेरिएंट की गतिविधि को लेकर निगरानी बढ़ाने की जरूरत है.