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दिल्ली में कब, कहां और कैसे भड़की हिंसा, 10 प्वाइंट्स में जानें सबकुछ

राजधानी क्षेत्र की सीमाओं से किसान गणतंत्र परेड निकला था. मगर, तय समय से पहले ही शुरू हो गई, जो बाद में बेकाबू हो गई और ट्रैक्टरों पर सवार लोग लालकिला पहुंच गए.

Updated on: 27 Jan 2021, 12:21 PM

नई दिल्ली:

72वें गणतंत्र दिवस के मौके राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली उपद्रवी किसानों की हिंसा से हिल गई. पिछले दो महीनों से दिल्ली की सरहदों पर बैठे किसानों का गुस्सा मंगलवार को राजधानी में घुसते ही फूट पड़ा. मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में 'अमंगल' हुआ. एक तरफ देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित राजपथ पर गणतंत्र के जश्न का मुख्य समारोह चल रहा था तो दूसरी तरफ किसानों ने ट्रैक्टर परेड की आड़ में दिल्ली को हिला दिया. तय समय से पहले ही किसानों की रैली शुरू हो गई, जो बाद में बेकाबू हो गई और ट्रैक्टरों पर सवार लोग लालकिला पहुंच गए. यहां उपद्रवियों ने हुड़दंग मचाया.

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देश की धरोहर लालकिला की प्राचीर पर हर साल स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराते हैं और देश के नाम संदेश देते हैं जहां हुड़दंग मचाने वालों कोई भला कैसे देश का किसान कह सकता है, जो कड़ी मेहनत करके अनाज पैदा करता है देशवासियों का पेट भरता है, जिसको इस देश की मिट्टी से प्यार है उसे देश की अस्मिता की रक्षा की चिंता भी रहेगी. लेकिन मंगलवार को किसानों की रैली में अमंगल कैसे हुआ, कहां कहां क्या स्थिति रही, ये सब यहां जानिए.

दिल्ली में मंगल को 'अमंगल', ऐसे फैली अराजकता

  1. कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों की रहनुमाई करने वाले किसान संगठनों के निर्देशन में पूर्व निर्धारित रूटों और गणतंत्र की परेड के बाद किसान गणतंत्र परेड निकलना तय हुआ था. मगर करीब 8.30 बजे से ही किसान आगे बढ़ने लग गए थे. सिंघु और टिकरी बॉर्डर से किसानों ने वादाखिलाफी करने हुए ट्रैक्टर परेड शुरू कर दी थी. करीब पौने 9 बजे किसानों का प्रदर्शन उग्र होना शुरू हुआ था. टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़कर दिल्ली में घुसने की कोशिश की थी.
  2. राजपथ पर जारी गणतंत्र दिवस की परेड के बीच करीब 10 बजे तक किसान दिल्ली में घुस चुके थे. गाजीपुर बॉर्डर से भी आगे बढ़ते किसानों ने दिल्ली पुलिस द्वारा की गई दूसरे लेयर की ब्रेकेडिंग भी तोड़ी दी थी. जो रूट मैप गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को दिया गया था, उस रूट को तोड़ते हुए किसान आगे बढ़ते हुए दिल्ली में घुस गए. गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग के लिए लगाई बस को पलटने की कोशिश की गई. जिन बसों को पलटने के लिए कई युवाओं की टोली ने कोशिश की, लेकिन इसी बीच बुजुर्ग किसान आ गए और बस पलटने से बच गई.
  3. लगभग साढ़े 11 बजे दिल्ली में किसान और पुलिस के बीच झड़पें शुरू हुईं.  सिंघु बॉर्डर से निकली ट्रैक्टर रैली संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में पहुंची तो किसान यहां पुलिस से भिड़ गए. दिल्ली में घुसने की कोशिश करते हुए किसानों ने बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. इस दौरान किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. टिकरी बॉर्डर से निकले किसानों में भी रूट को लेकर नांगलोई चौक पर विवाद पैदा हो गया है. रूट दाहिने मुड़कर था, लेकिन किसान सीधे जाना चाहते थे.
  4. करीब पौने 12 बजे स्थिति और बिगड़ती चली गई. ट्रैक्टर परेड को दौरान किसानों का हंगामा मचने लगा. किसान हिंसा पर उतारू हो गए. मुकरबा चौक पर किसानों ने करीब 7 बस और पुलिस की गाड़ियां तोड़ दीं. इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. इसके अलावा किसानों ने 1 आंसू गैस गन भी छीन ली. इस दौरान किसानों का ट्रैक्टर मार्च नेतृत्वविहीन हो गया था. किसान अपने किसी भी नेता की बात को मानने को तैयार नजर नहीं आ रहे थे.
  5. 12 बजे से 1 बजे तक किसानों के बीच टकराव बढ़ा चुका था. जगह जगह से हिंसा की खबरें आने लगीं. कई जगहों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था तो किसानों ने भी कई जगहों पर पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया था. करीब 1 बजे ट्रैक्टर रैली कर रहे किसान रूटों से हटकर बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आईटीओ चौक तक जा पहुंचे थे. ITO इलाके में उपद्रवी किसानों ने पुलिसकर्मियों पर लाठी डंडे बरसाए. आईटीओ से लाल कुआं और राजपथ की ओर बढ़ रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. साथ ही आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल भी किया गया.
  6. दोपहर 1 बजे से 2 बजे तक के बीच उपद्रवी किसानों का तांड़व अपने चरम पर रहा. दिल्ली के मुकरबा चौक, नांगलाई और आईटीओ पर किसानों ने जमकर बवाल काटा. इस दौरान आईटीओ पर पुलिस ने इन्हें रोका तो उपद्रवियों ने जवानों को ट्रैक्टरों से कुचलने की कोशिश की. पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया गया.
  7. दोपहर 2 बजे हजारों की संख्या में किसान लाल किले पर पहुंच गए. किसानों ने कुछ ही देर बाद यहां उत्पात शुरू कर दिया. लालकिले के अंदर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी घुस गए. उन्होंने लाल किले को अपने कब्जे में ले लिया. जिसके बाद लाल किले की प्राचीर पर दंगाईयों ने एक अन्य झंडे को फहरा दिया. पूरा लाल किला उपद्रवियों से भरा हुआ था. बुलंदों पर चढ़कर भी दंगाईयों ने झंडे लगाए.
  8. करीब 3 बजे दिल्ली पुलिस ने लाल किले को खाली कराने की कार्रवाई शुरू की. जिस झंडे को वहां लगाया गया था, उसे उतारा गया. करीब 4 बजे के बाद लाल किले से किसानों के लौटने का सिलसिला शुरू हुआ. इस वक्त कुछ अन्य जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच टकराव होता रहा.
  9. करीब पौने 4 बजे मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने दिल्ली इंटरनेट सर्विस बंद करने के निर्देश जारी किए. साथ ही गृह मंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक शुरू हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर आपात बैठक चली. अमित शाह ने अधिकारियों से दिल्ली में कानून और व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया. अधिकारियों को उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए.
  10. 5 बजे के बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का आदेश दिया. 15 अर्धसैनिकों की कंपनियां बढ़ाने की बात कही गई. पुलिस को घटना पर निगाह रखने और सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए. पुलिस कमिश्नर ने उपद्रवियों पर सख्ती करने के निर्देश दिए.