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कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव( Photo Credit : File Photo)
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. 18 जुलाई को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होना है. सरकार और विपक्ष की तरफ से उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी कर दी गई है. कार की ओर से द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा गया है. राष्ट्रपति के चुनाव में आम जनता भाग नहीं लेती है. लिहाजा, आइए जानते हैं कि देश में कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव.
ये करते हैं राष्ट्रपति का चुनाव
देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए जनता की भागीदारी सीधे तौर पर नहीं होती है. चुनाव में जनता के चुने गए प्रतिनिधि सांसद और विधायक इलेक्शन की प्रक्रिया में शामिल होते हैं. विधान परिषद के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेते हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए इतने हैं टोटल वोट
राष्ट्रपति के चुनाव के लिए एक इलेक्टोरल कॉलेज का गठन किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के चुने हुए सदस्य और राज्यों के विधानसभा में चुने गए सदस्य वोट देते हैं .इसी कारण इससे अप्रत्यक्ष चुनाव भी कहा जाता है. इलेक्टोरल कॉलेज में संसद के 776 सदस्य और विधानसभा के 4809 सदस्य शामिल होते हैं. इसमें कुल 1086431 वोट होते हैं. हर वोट की एक कीमत होती है. इस चुनाव में शामिल होने वाले एमपी और एमएलए को वोट देने के लिए बैलट पेपर दिए जाते हैं.
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वोटिंग कैसे होती है?
इस चुनाव में सिंगल ट्रांसफरेबल वोट का इस्तेमाल होता है. वोटर एक ही वोट देता है. बैलेट पेपर पर कोई प्रतीक चिन्ह मौजूद नहीं होता. बैलेट पेपर पर दो कॉलम होते हैं. पहले कॉलम में कैंडिडेट का नाम होता है. वहीं, दूसरे कॉलम में प्रिफरेंस ऑर्डर होता है.
राष्ट्रपति पद पर आसीन होने का अवसर उसी उम्मीदवार को मिलता है, जो सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वोटों का आधे से ज्यादा हिस्सा प्राप्त कर लेता है.
HIGHLIGHTS
- 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाला है चुनाव
- 24 जुलाई को खत्म हो रहा है राष्ट्रपति कोविंद का कार्यकाल
- सरकार व विपक्ष दोनों ने घोषित कर दिए हैं उम्मीदवारों के नाम
Source : Geetu Chauhan