गृह मंत्रालय ने बनाई डॉ वीके पॉल कमेटी, की गई ये सिफारिश

कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारत में मरीजों की संख्या हर रोज 10 हजार से ज्यादा बढ़ रही है. इस वायरस से निपटने के लिए डॉक्टर वीके पॉल कमेटी बनाई गई थी.

author-image
Yogendra Mishra
एडिट
New Update
सरकारी अस्पतालों से कोरोना का प्रतिबंध हटा, OPD में देखे जाएंगे मरीज

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. भारत में मरीजों की संख्या हर रोज 10 हजार से ज्यादा बढ़ रही है. इस वायरस से निपटने के लिए डॉक्टर वीके पॉल कमेटी बनाई गई थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर बनाई गई डॉक्टर वीके पॉल कमेटी की रिपोर्ट में कई सिफारिशें की गई हैं. समिति की रिपोर्ट में 60% मरीज या बेड के लिए सिफारिश की गई है. यानी दिल्ली में जो बड़े-बड़े कोरोना अस्पताल हैं उनके अंदर 60% बेड्स पर सस्ता इलाज हो. जबकि बाकी जिन अस्पतालों में आंशिक रूप से कोरोना का इलाज हो रहा है वहां जितने बेड कोरोना के लिए तय हैं उसके 60% में सस्ते में इलाज हो.

Advertisment

यह भी पढ़ें- एमपी: सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुरू किया 'निर्भर भारत' अभियान, कांग्रेस पर बोला हमला

जबकि इस पर दिल्ली सरकार का कहना है अगर यह सिफारिश यूं ही मान ली गई तो इससे यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकेगा कि अस्पताल किस मरीज को सस्ते में इलाज दे रहा है. इसे लेकर दिल्ली सरकार की ओर से सुझाव दिया गया है कि जो बड़े प्राइवेट अस्पताल पूर्ण रूप से कोरोना का इलाज कर रहे हैं वहां सभी बेड सस्ते रेट पर उपलब्ध हो.

जबकि जो अस्पताल आंशिक रूप से कोरोना का इलाज कर रहे हैं. वहां इस समय उनकी कुल क्षमता के 40 फ़ीसदी बेड ही कोरोना के इलाज में लगे हैं. 40 फीसदी बेड्स को बढ़ाकर 60 फीसदी किया जाए और यह सभी सस्ते में उपलब्ध हो जिससे किसी तरह की कोई भ्रम की स्थिति ना हो और आसानी से आम आदमी के लिए सस्ता इलाज सुनिश्चित किया जा सके.

यह भी पढ़ें- सर्वदलीय बैठक में पीएम के बयान को लेकर पी चिदंबरम ने उठाए सवाल

इस मुद्दे पर उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली सरकार में सहमति नहीं बन पाई जिसके बाद 12:00 बजे की डीडीएमए की बैठक रोकनी पड़ी और अब यह बैठक शाम 5:00 बजे होगी.

रिपोर्ट में सिफारिश

साधारण आइसोलेशन बेड- 8,000-10,000
ICU बिना वेंटीलेटर के- 13,000 से 15,000
ICU वेंटीलेटर के साथ- 15,000 से 18,000

ये रेट प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज होंगे और इसके अंदर PPE का खर्चा शामिल होगा. जबकि अभी प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिदिन कुछ इस तरह का चार्ज लिया जा रहा है. साधारण आइसोलेशन बेड- 24,000-25,000. ICU बिना वेंटीलेटर के- 34,000 -43,000. ICU वेंटीलेटर के साथ- 44,000-54000. अभी प्राइवेट अस्पताल PPE का चार्ज अलग से कैटेगरी के हिसाब से ले रहे हैं. समिति की रिपोर्ट में 60% मरीज या बेड के लिए सिफारिश की गई है.

यानी दिल्ली में जो बड़े बड़े कोरोना अस्पताल हैं उनके अंदर 60% बेड्स पर सस्ता इलाज हो. जबकि बाकी जिन अस्पतालों में आंशिक रूप से कोरोना का इलाज हो रहा है वहां जितने बेड कोरोना के लिए तय हैं उसके 60% में सस्ते में इलाज हो.

Source : News Nation Bureau

home ministry corona-virus covid-19
      
Advertisment