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आतंकी बेटे ने बहाया था बेकसूरों का खून, पिता ने फहराया तिरंगा

आतंक के पोस्टरब्वॉय के तौर पर लोकप्रिय बुरहान वानी के पिता ने स्वतंत्रता संग्राम के दिन स्कूल में तिरंगा फहराया.

Updated on: 15 Aug 2021, 01:19 PM

highlights

  • अहमद वानी हायर सरकारी सेकेंडरी स्कूल के हेडमास्टर हैं
  • आज स्वाधीनता दिवस पर आतंकी के पिता ने फहराया तिरंगा
  • स्कूल के बच्चों के साथ राष्ट्रगान भी गाया गया

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और धारा 35 हटने के परिणाम सामने आने लगे हैं. घाटी के युवाओं के बीच आतंक के पोस्टरब्वॉय के तौर पर लोकप्रिय बुरहान वानी के पिता ने स्वतंत्रता संग्राम के दिन स्कूल में तिरंगा फहराया. त्राल में रहने वाले बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर अहमद वानी हायर सरकारी सेकेंडरी स्कूल के हेडमास्टर हैं. ऐसे में आजादी के जश्न बतौर उन्होंने स्कूल में तिरंगा फहराया. इसके बाद उपस्थित मेहमानों और चुनिंदा बच्चों के साथ राष्ट्रगान भी गया. गौरतलब है कि बुरहान वानी हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर था, जिसे सुरक्षा बलों ने 2016 में मारा गिराया था. 

जम्मू-कश्मीर में भी मना आजादी का अमृत महोत्सव
मोदी सरकार के एक देश एक निशान की तौर पर उठाए गए इस कदम के बाद यह पहला मौका है जब 15 अगस्त को इंटरनेट औऱ मोबाइल सेवा पर पाबंदी नहीं लगाई है. यही नहीं, श्रीनगर के लाल चौक पर भी शान से तिरंगा लहराया गया. पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने एक ट्वीट कर कहा, 'न तो इंटरनेट बंद है न ही स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पाबंदियां हैं.' कह सकते हैं कि पूरे देश के साथ अब केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर भी 'आजादी का अमृत महोत्सव पूरी धूमधाम से मना रहा है. गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि शिक्षा सहित सभी विभागों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने की परंपरा को सुनिश्चित करें.

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15 साल की उम्र में बन गया था आतंकी
गौरतलब है कि महज 15 साल की उम्र में बुरहान वानी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ गया था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने यह कदम सेना के हाथों अपने भाई के कथित अपमान के बाद यह कदम उठाया था. हिज्बुल का कमांडर बनने के बाद सेना जैसी वर्दी पहने और हाथों में अत्याधुनिक हथियार लिए बुरहान की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं. बुरहान दक्षिणी कश्मीर में 11 से 15 आतंकियों के गुट की अगुवाई कर रहा था. आलम यह था कि सुरक्षा बलों का मजाक उड़ाने वाले फोटो कश्मीर के युवाओं को भेज उन्हें आतंकवाद की ओर प्रभावित करने का काम किया जाता था. 8 जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में आतंक के इस पोस्टरब्वॉय को ढेर कर दिया था.