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Himachal Pradesh CM कौन? दावेदारों में रार शुरू, प्रतिभा समर्थकों ने दिखाई ताकत

भूपेश बघेल के काफिले के आगे प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. इधर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस विधायक दल के नेता रहे मुकेश अग्निहोत्री ने बयान जारी कर अपने तेवर जता दिए हैं.

Updated on: 09 Dec 2022, 04:59 PM

highlights

  • हिमाचल चुनाव परिणाम आए 24 घंटे नहीं बीते और कांग्रेस में सीएम कौन पर तकरार शुरू
  • फिलहाल तीन दावेदार हैं आगे... प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सिंह सुक्खु और मुकेश अग्निहोत्री
  • प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने उन्हें सीएम बनाए जाने की मांग कर दिखाई ताकत

शिमला:

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मतदाताओं ने परंपरा कायम रखते हुए कांग्रेस (Congress) को फिर से सत्ता सौंप दी है. यह अलग बात है कि सूबे का मुख्यमंत्री (Chief Minister) कौन बनेगा इसको लेकर चुनाव परिणाम आने के 24 घंटों के भीतर रार शुरू हो गई है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अगले मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला होगा. शिमला में होने वाली इस बैठक के लिए प्रभारी राजीव शुक्ला (Rajeev Shukla) समेत पर्यवेक्षक भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और भूपेंद्र हुड्डा पहुंच चुके हैं. भूपेश बघेल के काफिले के आगे प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. इधर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने सीएम फेस पर बयान जारी कर जता दिया है कि आलाकमान के लिए अगले मुख्यमंत्री का चयन आसान नहीं रहने वाला. गौरतलब है कि हिमाचल चुनाव में हार के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर (Jairam Thakur) ने कांग्रेस को चेतावनी भरी सलाह दे डाली थी कि चुने गए विधायकों की रक्षा करना उसकी जिम्मेदारी है. हालांकि प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) ने गुरुवार शाम को एक बयान में कहा था कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है. सभी आलाकमान के निर्णय को मानेंगे.

कांग्रेस हाईकमान वीरभद्र सिंह के परिवार की अनदेखी नहीं कर सकताः प्रतिभा सिंह
मंडी से सांसद भूतपूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने विधानसभा चुनाव तो नहीं लड़ा, लेकिन सभी सीटों पर व्यापक प्रचार किया. शुक्रवार को समर्थकों ने उन्हें सीएम बनाने के लिए पर्यवेक्षक भूपेश बघेल की कार को रोककर जमकर नारेबाजी की. इसके पहले प्रतिभा सिंह राजीव शुक्ला समेत भूपेंद्र हुड्डा और भूपेश बघेल के साथ बैठक में शामिल हुई थीं. इसमें तय हुआ कि अगले मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला विधायक दल की बैठक में किया जाएगा. हालांकि बैठक के बाद प्रतिभा सिंह के दिए गए बयान से उनके तेवर का अंदाजा हो रहा है. उन्होंने कहा, 'वे (कांग्रेस आलाकमान) वीरभद्र सिंह के परिवार की अनदेखी नहीं कर सकते हैं. हमने उनके नाम, काम और चेहरे पर चुनाव जीता है. ऐसा नहीं हो सकता है कि आप उनके नाम. चेहरे और परिवार का इस्तेमाल कर श्रेय किसी और को दे दें. कांग्रेस हाईकमान ऐसा नहीं करेगा.' इसके बाद ही प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने कांग्रेस प्रभारी और पर्यवेक्षकों के समक्ष ताकत का प्रदर्शन करते हुए उनके पक्ष में नारेबाजी की.

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पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एसएस सुक्खु के तेवर भी अलग
इधर हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सीएम फेस के दावेदार माने जा रहे सुखविंदर सिंह सुक्खु के तेवर भी अलग दिख रहे हैं. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'हमसे पहले भी पूछा जा रहा था कि आखिर कांग्रेस किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है. तब भी मैंने साफतौर पर कहा था कि कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व के तहत हिमाचल प्रदेश चुनाव लड़ रही है. हमारे लिए कांग्रेस की विचारधारा पहले है और पद बाद में. मैंने तब भी कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनने की बात कही थी. अब इसका फैसला हाईकमान करेगा, उन विधायकों में से किसी एक को चुन कर जो चुनाव जीत कर आए हैं.' एसएस सुक्खु का यह बयान ही पर्याप्त है कि उन्हें हिमाचल प्रदेश की अगली सीएम बतौर प्रतिभा सिंह की दावेदारी कतई मंजूर नहीं है.

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कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकश भी ठोंक रहे ताल
प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खु के अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री भी सीएम पद के लिए ताल ठोंक रहे हैं. तर्क यह है कि पांच साल पहले कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाते वक्त राहुल गांधी ने कहा था, 'आपको विधायक दल का नेता बनाया है, अब आपको जिताना है. मुझे विधानसभा चुनाव जिताने का जिम्मा राहुलजी ने दिया था और मैंने मिशन पूरा कर दिया.'  इसके साथ ही मुकेश अग्निहोत्री यह कहना भी नहीं भूले कि अगले सीएम का फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा और पद को लेकर कहीं कोई गुटबाजी नहीं है. हाईकमान का फैसला सभी को शिरोधार्य होगा. जाहिर है तीन दावेदार हैं और सभी के पास अगला सीएम बनने के लिए अपने-अपने तर्क हैं. ऐसे में कांग्रेस विधायकों की होने वाली बैठक हंगामाखेज रहेगी, लेकिन बड़ा हंगामा कांग्रेस आलाकमान की चौखट तक भी पहुंचेगा इतना इन बयानों से तय हो गया है.