हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का चांदीपुर में सफल परीक्षण
DRDO द्वारा ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) चांदीपुर से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया.
नई दिल्ली:
हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) का आज DRDO द्वारा ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) चांदीपुर से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया. परीक्षण उड़ान के दौरान, लूप में रेडियो अल्टीमीटर के साथ कम ऊंचाई वाली उड़ान क्षमता का प्रदर्शन किया गया. परीक्षण उड़ान के दौरान ग्राउंड स्टेशन से आईआर फ्लेयर्स प्रज्वलित किए गए. परीक्षण के दौरान, लक्ष्य को जमीन-आधारित नियंत्रक से सबसोनिक गति से पूर्व-निर्धारित उड़ान पथ में उड़ाया गया था. विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए वाहन का उपयोग हवाई लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है.
ABHYAS – the High-speed Expendable Aerial Target (HEAT) was successfully flight tested today by DRDO from the Integrated Test Range (ITR), Chandipur off the coast of Bay of Bengal in Odisha. pic.twitter.com/UnKgEzKX1P
— ANI (@ANI) October 22, 2021
आकाश प्राइम मिसाइल : डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण
इसके पहले डीआरडीओ ने 27 सितंबर को ओडिशा के चांदीपुर में आकाश प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह आकाश मिसाइल का उन्नत संस्करण है. डीआरडीओ ने बताया है कि आकाश मिसाइल का परीक्षण चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) से किया गया.
परीक्षण के दौरान आकाश प्राइम मिसाइल अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदने में कामयाब रहा. लक्ष्य के रूप में हवा में दुश्मनों के विमानों की प्रतिकृति का प्रयोग किया गया. डीआरडीओ ने बताया कि तकनीक में सुधार किए जाने के बाद आकाश प्राइम का यह पहला परीक्षण है.इससे पहले गत 21 जुलाई को भी आकाश मिसाइल के एक अन्य संस्करण- आकाश-एनजी का सफल परीक्षण किया गया था.
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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के तट के करीब बने एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था.परीक्षण भूमि आधारित प्लेटफॉर्म से किया गया था.
इसमें मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और तैनाती विन्यास में भाग लेने वाले लांचर जैसी सभी हथियार प्रणालियां थीं. आकाश-एनजी मिसाइल प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल), हैदराबाद द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया गया है.
परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने तेज और फुर्तीले हवाई खतरों को बेअसर करने के लिए आवश्यक उच्चस्तरीय गतिशीलता का प्रदर्शन किया. एक बार तैनात होने के बाद आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायु सेना की हवाई सुरक्षा क्षमता में शानदार इजाफा करने वाली साबित होगी.
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