उच्च न्यायालय ने एसएएसबी को अमरनाथ यात्रा पर तत्काल निर्णय लेने को कहा

जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने बुधवार को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) को कोविड-19 के खतरे को ध्यान में रखते हुए गुफा मंदिर के लिये वार्षिक तीर्थयात्रा पर तत्काल निर्णय लेने को कहा.

जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने बुधवार को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) को कोविड-19 के खतरे को ध्यान में रखते हुए गुफा मंदिर के लिये वार्षिक तीर्थयात्रा पर तत्काल निर्णय लेने को कहा.

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nitu pandey
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उच्च न्यायालय ने एसएएसबी को अमरनाथ यात्रा पर तत्काल निर्णय लेने को कहा( Photo Credit : फाइल फोटो)

जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने बुधवार को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) को कोविड-19 के खतरे को ध्यान में रखते हुए गुफा मंदिर के लिये वार्षिक तीर्थयात्रा पर तत्काल निर्णय लेने को कहा. मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति संजय धर की पीठ ने 23 पृष्ठों का आदेश जारी करते हुए बोर्ड को अपने निर्णय से न्याय मित्र मोनिका कोहली और याचिकाकर्ता को अवगत कराने का निर्देश दिया.

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अदालत ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को इस साल अमरनाथ यात्रा कराने पर 10 जुलाई की स्थिति रिपोर्ट एवं अन्य संबद्ध सामग्री बोर्ड के समक्ष उसके विचारार्थ पेश करने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा, ‘श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और प्रतिवादी (जम्मू कश्मीर प्रशासन) 13 जुलाई के उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए तथा न्याय मित्र एवं याचिकाकर्ता द्वारा अदालत के समक्ष प्रकट की गई कई चिंताओं पर विचार करते हुए यात्रा के बारे में तत्काल कोई निर्णय करे. ’

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अदालत ने उन्हें निर्णय लेने को कहते हुए यह निर्देश भी दिया कि अंतिम निर्णय करने के दौरान वे सभी स्वास्थ्य दिशानिर्देशों, केंद्र एवं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर द्वारा अधिसूचित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तथा शीर्ष न्यायालय द्वारा निर्धारित सिद्धांतों का अनुपालन सुनिश्चित करें. शीर्ष न्यायलय ने कहा था कि हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के अधिकार को उच्च प्राथमिकता देनी होगी.

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पीठ ने कहा कि बोर्ड के निर्णय में सुरक्षा कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों,पुजारियों, तीर्थयात्रियों और यात्रा का इंतजाम करने से जुड़े अधिकारियों के अलावा केंद्र शासित प्रदेश के निवासियों की चिंताओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. पीठ के आदेश में कहा गया है कि यात्रा में उपयोग में लाए जाने वाले घोड़ों आदि जानवरों के कल्याण पर भी विचार करने की जरूरत है. 

Source :

High Court amarnath yatra SASB
      
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