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मार्च में गर्मी ने दिखाया तेवर, 122 सालों का तोड़ा रिकॉर्ड

भारत में तापमान का रिकार्ड वर्ष 1901 से रखा जाना शुरू हुआ था. इस तरह भारत में 122 सालों में इस साल मार्च के महीने में औसत तापमान सबसे अधिक रहा.

Updated on: 03 Apr 2022, 11:00 PM

नई दिल्ली:

देश के कई राज्यों में पारा बढ़ने से भीषण गर्मी महसूस की जा रही है. कई राज्यों में तो अब कूलर की ठंडक ने भी हथियार डाल दिए हैं.रविवार यानि 3 मार्च को तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ दिया. भारत में तापमान का रिकार्ड वर्ष 1901 से रखा जाना शुरू हुआ था. इस तरह भारत में 122 सालों में इस साल मार्च के महीने में औसत तापमान सबसे अधिक रहा. मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तर और मध्‍य भारत में लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं हैं. मौसम में एकाएक बदलाव की वजह से देश के ज्यादा हिस्से लू की चपेट में हैं.

साल 2022 के मार्च महीने के तापमान ने 122 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है. वर्ष 2010 के मार्च में दर्ज औसत अधिकतम तापमान के सर्वकालिक औसत को पार कर लिया. 2010 के मार्च में अधिकतम तापमान का औसत 33.09 डिग्री सेल्सियस रहा था लेकिन मार्च 2022 में औसत तापमान 33.1 डिग्री दर्ज किया गया. दुनियाभर में भी पिछले दो दशक में सबसे गर्म साल देखने को मिले हैं. जलवायु परिवर्तन का असर मौसम की तीव्रता पर पड़ रहा है, भारत में भी यह भीषण बाढ़, चक्रवात या भारी बारिश के रूप में देखने को मिला है. इसमें उत्तर में पश्चिमी विक्षोभ एवं दक्षिण में किसी व्यापक मौसमी तंत्र के नहीं बनने के कारण वर्षा की कमी का प्रभाव भी है.

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इस साल मार्च के उतरार्द्धमें देश के कई हिस्‍सों में तापमान में वृद्धि देखने को मिली, लेकिन बारिश कम हुई. दिल्‍ली, हरियाणा और उत्तर भारत के हिल स्‍टेशन में भी दिन के वक्‍त सामान्‍य से ज्‍यादा तापमान दर्ज किया गया. दिल्‍ली, चंदरपुर, जम्‍मू, धर्मशाला, पटियाला, देहरादून, ग्‍वालियर, कोटा और पुणे समेत कई स्थानों पर मार्च 2022 में रिकार्ड अधिकतम तापमान दर्ज किया गया.

पश्चिम हिमालयी क्षेत्र के पर्वतीय पर्यटन स्थलों पर भी दिन के वक्‍त काफी ज्‍यादा तापमान दर्ज किया गया.  देहरादून, धर्मशाला या जम्‍मू जैसे हिल स्‍टेशन पर मार्च में 34-35 डिग्री सेल्सियस तक तापमान दर्ज किया गया, जो बहुत ज्‍यादा है. इस बार तापमान उन क्षेत्रों के अधिक रहा, जहां का अपेक्षाकृत ठंडा मौसम रहना चाहिए था. इसका एक उदाहरण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र है.