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Article 370: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, केंद्र ने हलफनामे में कही ये बात

Article 370: सुप्रीम कोर्ट आज (मंगलवार) जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिकों के मामले में सुनवाई करेगा. बता दें कि दें कि साल 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छे 370 हटा दिया था.

Updated on: 11 Jul 2023, 07:03 AM

highlights

  • कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की SC में सुनवाई
  • 2019 में जम्मू-कश्मीर से हटाया गया था अनुच्छेद 370
  • केंद्र सरकार शीर्ष कोर्ट में दाखिल कर चुकी है हलफनामा

New Delhi:

Article 370: जम्मू-कश्मीर से साल 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. पांच जजों की संविधान पीठ मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे इस पूरे मामले पर प्रारंभिक कार्यवाही शुरु करेगा इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट इस मामले में दस्तावेज दाखिल करने और रिटन सबमिशन के बारे में प्रक्रियात्मक निर्देश भी जारी करेगी. इस मामले की सुनवाई के लिए बनाई गई संविधान पीठ में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ समेत जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत शामिल होंगे. बता दें कि इससे पहले ही केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर से 370 हटाए जाने को फैसले को पूरी तरह से संविधानिक बता चुकी है साथ ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दाखिल कर चुकी है.

'2019 के बाद से कश्मीर में शांति, प्रगति और संपन्नता'

शीर्ष कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में केंद्र ने कहा कि 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पूरे क्षेत्र में शांति, प्रगति और संपन्नता आई है. इसके साथ ही हफनामें में ये भी कहा गया कि करीब तीन दशक की उथलपुथल के बाद वहां जीवन सामान्य हुआ है. साथ ही पिछले तीन साल से वहां स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बाकि सार्वजनिक संस्थान किसी परेशानी के काम कर रहे हैं. यहां न कोई हड़ताल हुई और पत्थरबाजी की घटनाएं भी खत्म हुई है. जो अब इतिहास बन चुकी हैं.

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'अनुच्छेद 370 हटाने से खत्म हुआ आतंकवाद'

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए अपने हलफनामे में कहा कि राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से संवैधानिक बदलाव किया गया. जिससे लोकतंत्र को मजबूत में मदद मिली है. केंद्र ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि राज्य में लोकतांत्रिक तरीके से पंचायती राज सिस्टम लागू किया गया. इसके साथ ही हलफनामे में नवंबर-दिसंबर 2020 में हुए डिस्ट्रिक्ट डिवेलेपमेंट काउंसिल के चुनाव को लेकर भी बात कही गई है. जिसमें कहा गया है कि आज वहां 34 हजार के करीब चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं. जो ग्रामीण और शहरी निकायों में जमीनी लोकतंत्र को मजबूत करने में भूमिका निभा रहे हैं. अनुच्छेद 370 हटाने के बाद यहां शिक्षा का अधिकार जैसे केंद्रीय कानूनों को लागू किया गया है, जो वहां के लिए अभी तक लागू नहीं था. इसके साथ ही केंद्र के इस फैसले से वहां आतंकवाद इकोसिस्टम को पूरी तरह से नष्ट हो रहा है.

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'केंद्रीय कानूनों के लागू होने से लोगों को हुआ फायदा'

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से सीमा पार के समर्थन से चल रहे आतंकवाद की कमर टूटी है. केंद्र ने कहा कि केंद्रीय कानूनों के लागू नहीं होने से स्थानीय लोगों को फायदा हुआ है, जिसका फायदा पहले आतंकवादी उठाया करते थे और लोगों को गुमराह किया करते थे. केंद्र ने कहा कि 2019 के बाद से यहां के लोगों की आमदनी में इजाफा हुआ है घाटी में शांति स्थापित हुई है. साथ ही पहली बार वहां के लोगों को देश के अन्य लोगों के बराबर अधिकार मिले हैं.