भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के मरीजों की संख्या 3 लाख के पार हो गई है. देश में पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 11458 कोरोना वायरस से संक्रमित नए मरीज सामने आए हैं. वहीं पिछले 24 घंटे में देशभर में 386 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें से सबसे ज्यादा 129 मौतें दिल्ली में हुई हैं. इस बीच अब देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की टेस्टिंग को लेकर तकरार शुरू हो गई है. दिल्ली सरकार ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की गाइडलाइन में बदलाव की मांग की है.
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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना वायरस के मामले पूरे देश में भी हैं और दिल्ली में भी हैं. जहां कम मामले हैं, थोड़े दिनों में उनका नंबर आएगा. दिल्ली कोरोना वायरस के मामलों में मुंबई से 10-12 दिन पीछे चल रही है. क्या दिल्ली में टेस्टिंग ठीक से हो रही है? इस सवाल पर सत्येंद्र जैन ने कहा, 'आपको टेस्टिंग बढ़वानी है तो ICMR से कहिए कि अपनी गाइडलाइन बदल दे. ICMR की गाइडलाइन की हम अवहेलना नहीं कर सकते हैं, जो उन्होंने शर्तें लगा रखी हैं. पूरे देश में ICMR की शर्तों के आधार पर टेस्ट हो सकते हैं.'
सतेंद्र जैन ने कहा कि आप ICMR और केंद्र सरकार से कहिए कि वह सभी लोगों के लिए टेस्ट ओपन कर दें, ताकि जो टेस्ट करवाना चाहते हैं, वो करवा लें. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'ओपन टेस्ट कराने में एक दिक्कत भी होगी. बीमार लोग कम टेस्ट कराएंगे और सशंकित लोग ज्यादा पहुंचेंगे. ऐसे में यह भी हो सकता है एक दिन में 1 लाख लोग टेस्ट कराने के लिए पहुंच जाएं तो एक व्यक्ति का नंबर एक महीने बाद ही आएगा.'
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उधर, दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी टेस्टिंग को लेकर ICMR की गाइडलाइंस में बदलने की मांग की. संजय सिंह ने कहा, 'ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग बढ़ाने के लिए इस समय सबसे जरूरी है कि ICMR की गाइडलाइन्स की जो बाध्यता है, वो खत्म की जाए. मैंने स्वास्थ्य मंत्री जी को पत्र लिखकर गाइडलाइन्स बदलने की अपील की है. ताकि जिन भी लोगों को कोरोना होने की आशंका है, वो सब अपना टेस्ट करवा सकें.'
उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार सभी लैब्स को लाइसेंस और सभी राज्यों को टेस्टिंग किट्स दे. संजय सिंह ने कहा, 'जब तक लोगों को पता नहीं चलेगा कि वे संक्रमित हैं या नहीं, वो इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी चिकित्सीय उपचार नहीं लेंगे. इससे आने वाले समय में मृत्यु के आंकड़े बढ़ सकते हैं और स्थितियां भयावह हो सकती हैं.'
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