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हेल्थ एक्सपर्ट ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, बच्चों का नहीं होना चाहिए टीकाकरण

कोरोना से एक लाख में से सिर्फ 2 बच्चों की मृत्यु होती है, जबकि टीकाकरण की वजह से बच्चों पर ज्यादा दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए बच्चों का टीकाकरण नहीं होना चाहिए.

Updated on: 24 Aug 2021, 01:33 PM

highlights

  • बच्चों को कोरोना वैक्सीन नहीं होना चाहिए
  • हेल्थ एक्सपर्ट ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
  • वैक्सीन से पड़ेगा दुष्प्रभाव 

 

नई दिल्ली :

देशभर के वरिष्ठ पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट ने मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि बच्चों का कोविड-19 वैक्सीन से टीकाकरण नहीं होना चाहिए. अभी तक भारत और वैश्विक स्तर पर जो आंकड़े मिले हैं, उनके अनुसार कोरोना से एक लाख में से सिर्फ 2 बच्चों की मृत्यु होती है, जबकि टीकाकरण की वजह से बच्चों पर ज्यादा दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए बच्चों का टीकाकरण नहीं होना चाहिए. इंडियन एसोसिएशन ऑफ पब्लिक हेल्थ के चेयरमैन, एम्स के वैक्सीन डिपार्टमेंट के इंचार्ज और पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट हेड प्रोफेसर संजय राय ने न्यूज नेशन पर बयान दिया. इसके साथ ही कई मुद्दों पर बातचीत की.

स्कूल बंद होने से बच्चों को हो रहा है ज्यादा नुकसान

विज्ञान हमेशा प्रमाण की बात करता है. प्रमाणित रुप से यह कहा जा सकता है कि स्कूल बंद होने से बच्चों को मानसिक समस्याएं हो रही है. उनमें मोटापा बढ़ रहा है. उन्हें कई ऐसी बीमारियां हो सकती हैं जो भविष्य में उनके लिए ज्यादा घातक हो, इसलिए ना सिर्फ शैक्षणिक रूप से, बल्कि स्वास्थ्य को देखते हुए भी सभी बच्चों के स्कूल खुल जाने चाहिए.

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यूरोप बंद नहीं हुए स्कूल

स्वीडन जैसी यूरोप के कई देशों में एक भी दिन स्कूल बंद नहीं किए गए. ऐसा नहीं है कि अगर स्कूल बंद है तो हम अपने बच्चों को कोरोनावायरस आ सकते हैं. 60 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे संक्रमित हो चुके हैं, बिना स्कूल खुले हुए. ऐसे में संक्रमण को स्कूल से नहीं रोका जा सकता. हां स्कूल के अंदर कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर जरूर होना चाहिए.

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बता दें कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच बड़ी राहत मिली है. करीब डेढ़ साल के बाद कोरोना के एक्टिव केस एक फीसद से भी कम हो गए हैं. यह संख्या पिछले साल मार्च के बाद सबसे कम है. बीते 24 घंटे में कोरोना के 25,467 नए केस सामने आए हैं. एक्टिव केसों की संख्या भी तेजी से कम होकर 3,19,551 ही रह गई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यह संख्या बीते 156 दिनों का सबसे कम आंकड़ा है. कोरोना का रिकवरी रेट भी बढ़कर 97.68 फीसद हो गया है.