नमाज पढ़कर घर जाते समय आमिर की उसने गोली मारकर ले ली जान, एक साल पहले दी थी धमकी – अगली ईद पर घर में छाएगा मातम
मोदी सरकार के 11 साल : श्री श्री रविशंकर ने उपलब्धियों को सराहा, कहा - 'कश्मीर घाटी की ट्रेन का सपना हुआ साकार'
'मेट्रो इन दिनों' का किरदार बहुत ही खास, कुछ नया और अलग करने के लिए मिला : आदित्य रॉय कपूर
Baba Vanga Predictions: 5 जुलाई को लेकर बाबा वेंगा ने की बड़ी भविष्यवाणी, हिलेगी धरती, आएगा प्रलय
बॉलीवुड में होने वाला है 'भूतों' का राज, रिलीज होंगी ये 5 हॉरर फिल्में, नोट कर लें डेट
'थप्पड़ मारना चाहिए था', पंजाब के खिलाड़ी शशांक सिंह का बड़ा बयान, कप्तान श्रेयस अय्यर को लेकर कही ये बात
शीर्ष 10 में से 9 कंपनियों का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपए बढ़ा
UP राजनीति की बड़ी हस्ती प्रिया सरोज भारत के लिए सिर्फ 2 ODI खेलने वाले रिंकू सिंह के प्यार में कैसे पड़ीं? दिलचस्प है स्टोरी
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग के सूत्रों ने दिया जवाब

गए थे सिद्धू-अमरिंदर का झगड़ा सुलझाने, 'पंज प्यारे' पर बयान देकर खुद फंसे हरीश रावत

पंजाब कांग्रेस में लगातार जारी सिद्धू बनाम कैप्टन अमरिंदर विवाद को सुलझाने के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे थे. उनके बयान पर धार्मिक और राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
Harish Rawat

हरीश रावत ने पंज प्यारे के बयान पर मांगी माफी ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

पंजाब कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सुलह की कोशिशों में लगे पंजाब प्रभारी हरीश रावत खुद विवादों में फंस गए हैं. उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य चार कार्यकारी अध्यक्षों की तुलना सिख धर्म के महान 'पंज प्यारो' से कर दी, जिसपर हंगामा हो गया. कांग्रेस के अलावा जब विपक्षी दलों ने भी उन्हें घेरा तो विवाद बढ़ता चला गया. अब हरीश रावत ने अपने बयान पर माफी मांगी है. उन्होंने ट्वीट किया कि 'मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं. मैं प्रायश्चित स्वरूप सबसे क्षमा चाहता हूं.'

Advertisment

इस मामले में जब विवाद बढ़ा तो माफी मांगते हुए हरीश रावत ने ट्वीट किया 'कभी आप आदर व्यक्त करते हुए कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं. मुझसे भी कल अपने माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है. मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है. मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं. मैं प्रायश्चित स्वरूप सबसे क्षमा चाहता हूं.'

यह भी पढ़ेंः पंजशीर कब्जाने पहुंचे 350 लड़ाके ढेर, नॉर्दर्न एलायंस का दावा-कैद किए 40 तालिबानी

क्यों हुआ विवाद
हरीश रावत नवजोत सिंह सिद्धू और अमरिंदर के सिंह के बीच जारी विवाद को सुलझाने चंडीगढ़ पहुंचे थे. उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की थी. हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में सिद्धू और चार अन्य कार्यकारी अध्यक्षों की तुलना पंज प्यारे से कर दी. अकाली दल के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कांग्रेस नेताओं की तुलना पंच प्यारे से करने को लेकर हरीश रावत की निंदा की थी. उन्होंने मांग उठाई थी कि हरीश रावत अपने शब्दों को वापिस लें और तुरंत ही सिख संगत से माफी मांगे.

गौतरलब है कि सिख धर्म में मान्यता है कि जब गुरु गोविंद सिंह ने सिख धर्म की शुरुआत की थी तो उन्होंने 5 प्यारों यानि 5 लोगों को चुना था, जोकि गुरु और धर्म के लिए कुछ भी कर सके और धर्म के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर देते हों. इसी के बाद से ये परंपरा रही है कि जब भी सिखों की कोई भी यात्रा, नगर-कीर्तन या धार्मिक कार्यक्रम होता है वहां पर पंज प्यारे उसका नेतृत्व करते हैं जिनको बहुत ही पवित्र माना जाता है.

Punjab Congress congress panj pyare Harish Rawat Amrinder Singh
      
Advertisment