पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने सीबीआई जांच पर उठाए सवाल
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने सीबीआई जांच पर उठाए सवाल
देहरादून:
2016 की हरीश रावत सरकार और स्टिंग ऑपरेशन के मसले पर 8 साल बाद एकाएक फिर राजनीति गर्म होने लगी है। कांग्रेस के तमाम नेता इसे केंद्र सरकार द्वारा कांग्रेस के नेताओं को परेशान करने की कोशिश करार दे रहे हैं। वहीं, 2016 में बगावत करने वाले हरक सिंह रावत ने सीधे तौर पर सीबीआई जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके पहले तक हरक सिंह रावत, हरीश रावत के खिलाफ आग उगल रहे थे और स्टिंग ऑपरेशन समेत तमाम मुद्दों पर जमकर सवाल खड़े करते थे।लेकिन, अब हरक सिंह रावत ने सीधे तौर पर सीबीआई जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके अनुसार 2016 का मामला राष्ट्रपति शासन के फैसले को तो हाईकोर्ट ने ही खत्म कर दिया था। तो, फिर 8 साल इसे खींचे रखने का कोई मामला नहीं बनता है। उनके अनुसार मैं अपने वकीलों से बात करूंगा। अगर यह केस मैं वापस ले सका तो जरूर लूंगा।
वहीं, हरीश रावत के बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन को लेकर हरक सिंह रावत ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें तो इस स्टिंग ऑपरेशन के बारे में पता ही नहीं था। उनके अनुसार इस मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं था। मुझे तो पता भी नहीं था स्टिंग ऑपरेशन हो रहा है।
हरक सिंह ने विस्तार से बताते हुए साफ कहा कि जब हम रिजॉर्ट में थे। तब, उमेश कुमार का मेरे पास फोन आया और उन्होंने कहा कि हरीश रावत बात करेंगे। हरीश रावत ने मुझसे नाराजगी समेत कई मुद्दों पर बात की। उनके अनुसार मैंने भी उन्हें कई बातें कहीं। जिसमें मेरी राजनीति को खत्म करने की कोशिश हरीश रावत कर रहे थे, यहां तक कि मेरे विरोधियों को बढ़ावा देने की कोशिश भी हरीश रावत करते थे। इस बारे में भी मैंने नाराजगी जताई।
हरक सिंह रावत ने बताया कि दूसरे दिन भी मेरे पास पत्रकार उमेश कुमार का फोन आया और उन्होंने फिर हरीश रावत से मेरी बात कराई। हरीश रावत ने सीधे-सीधे कहा कि अरे आप हल्के में छूट गए हैं। उनके अनुसार मुझे नहीं पता था कि वहां पर हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन हो गया है।
उनके अनुसार यह तो मुझे स्टिंग ऑपरेशन पूरा होने के बाद उमेश कुमार का फोन आया, जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि मेरी राज्यसभा की सीट पक्की रखिए। काम हो गया है। उनके अनुसार कुछ समय मैं बात समझ नहीं पाया। दिल्ली में जब स्टिंग ऑपरेशन की पत्रकार वार्ता हुई तब भी मुझे नहीं पता चला आखिरकार स्टिंग ऑपरेशन में हुआ क्या था। बाद में पता चला कि मेरी बात उमेश कुमार ने हरीश रावत से कराई थी। वह रिकॉर्ड कर स्टिंग के रूप में दिखाई गई। उनके अनुसार तब मुझे बोलना ही पड़ा कि विधायकों को खरीदना गलत बात है।
वहीं, मदन बिष्ट के स्टिंग ऑपरेशन को लेकर भी हरक सिंह ने सीधे तौर पर कहा कि इस स्टिंग ऑपरेशन से भी मेरा कोई लेना-देना नहीं है। उनके अनुसार मदन बिष्ट की वजह से ही मैंने हरीश रावत से लड़ाई लड़ी। लेकिन, मदन बिष्ट ने जो वादा किया था, उसको पूरा नहीं किया। वो मुझसे मिलने की जगह बीजापुर गेस्ट हाउस में हरीश रावत से मिलने चले गए।
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