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भारत ने डोमिनिका से कहा- मेहुल चोकसी को सौंपो, किया है बड़ा जुर्म

मेहुल चोकसी को एक भगोड़े भारतीय नागरिक के रूप में माना जाना चाहिए, जिसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस है.

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Nihar Saxena
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Mehul Choksi

भारत आने से बचने के लिए मेहुल कर रहा धनबल का इस्तेमाल.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पीएनबी घोटाले के भगोड़े आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को एंटीगुआ से फरारी के बाद डोमिनिका में गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही भारत (India) ने उसकी वापसी के प्रयास तेज कर दिए हैं. एंटीगुआ (Antigua) के पीएम तो पहले ही डोमिनिका सरकार को पत्र लिख चुके हैं कि चोकसी को भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाए. हालांकि अदालती हस्तक्षेप के बाद फिलहाल उसकी वापसी टल गई है. हालांकि कई भारतीय एजेंसियां ​​डोमिनिका सरकार के संपर्क में हैं, जिनका कहना है कि चोकसी मूल रूप से एक भारतीय नागरिक है. उसने लगभग दो अरब यूएस डॉलर की धोखाधड़ी करने के बाद भारत में कानून से बचने के लिए एंटीगुआ की नागरिकता पैसे के बल पर खरीद ली थी. जानकारी के मुताबिक मेहुल चोकसी को वापस लाने के लिए भारत का एक विमान डोमिनिका पहुंच गया है. एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउनी ने खुद इसकी पुष्टी की है. उन्होंने एक स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि भारत से आया निजी वाहन फिलहाल डोमिनिका के जगलस चार्ल्स एयरपोर्ट पर खड़ा है.

भारत ने वापसी के लिए डोमिनिका से की दो टूक बात
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत ने बैक-चैनल और राजनयिक तौर-तरीकों के माध्यम से डोमिनिका से स्पष्ट रूप से कहा है कि मेहुल चोकसी को एक भगोड़े भारतीय नागरिक के रूप में माना जाना चाहिए, जिसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस है. भारत ने उसे भारतीय अधिकारियों को सौंपने की बात कही है. चोकसी के द्वारा अभी तक अपनी भारतीय नागरिकता से इंकार करने का कोई मामला नहीं सामने आया है. गौरतलब है कि एंटीगुआ ने भी डोमिनिका से चोकसी को सीधे भारत को सौंपने का आग्रह किया है. एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने एक साक्षात्कार में एएनआई को बताया है कि चोकसी को एंटीगुआ में वापस प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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एंटीगुआ औऱ डोमिनिका में चोकसी के बचाव की लॉबिंग
यह अलग बात है कि एंटीगुआ के पीएम के इस बयान के बाद वहां चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को लेकर राजनीति तेज हो गई है. डब्ल्यूआईसी न्यूज की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'यह आरोप लगाया गया था कि यूपीपी के विपक्षी नेता जमाले प्रिंगल ने भगोड़े मेहुल चोकसी के परिवार के साथ एक अंडर-टेबल मीटिंग की थी और उनके साथ एक विशेष अनौपचारिक फंडिंग समझौता किया है. उन्होंने संसद में चोकसी के सिए आवाज भी उठाई है.' स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है, 'चाहे वह एंटीगुआ और बारबुडा की यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी (यूपीपी) हो या डोमिनिका की यूनाइटेड वर्कर्स पार्टी (यूडब्ल्यूपी), दोनों मेहुल चोकसी का समर्थन करने के लिए एक-दूसरे को मात देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं.' 

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2 जून को होनी है अगली सुनवाई
सूत्र बताते हैं कि चोकसी की राजनीतिक और धन शक्ति 2 जून को सुनवाई के दौरान प्रदर्शित होने की संभावना है. जानकार सूत्रों का कहना है कि उन्होंने वकीलों की एक बड़ी टीम को काम पर रखा है. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर राजनीतिक समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, चोकसी को भारत को सौंपने के लिए इंटरपोल के दबाव के साथ-साथ बैक-चैनल दबाव पर बहुत कुछ निर्भर करेगा.

HIGHLIGHTS

  • घोटालेबाज के प्रत्यर्पण पर भारत का डोमिनिका को पत्र
  • एक भारतीय विमान भी डोमिनिका पहुंचने की खबर है
  • चोकसी को बचाने एंटीगुआ-डोमिनिका में एक खेमा सक्रिय
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