IL&FS के मुद्दे पर गुजरात सरकार की सफाई, राहुल गांधी के आरोपों को बताया निराधार
गुजरात सरकार ने राहुल के बयान को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट पर 32.5 करोड़ की इक्विटी के अलावा सरकार की ओर से 1 रुपया नहीं खर्च किया गया है.
नई दिल्ली:
आईएल एंड एफएस को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कथित वित्तीय मदद के आरोपों को लेकर गुजरात सरकार ने सफाई दी है. गुजरात सरकार ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेस (आईएल एंड एफएस) को 70 हजार करोड़ रुपये की परियोजना 'गिफ्ट सिटी देने का आरोप सरासर निराधार है.
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए सिर्फ 10 हजार करोड़ रुपए ही निर्धारित किया गया है.
गुजरात सरकार ने राहुल के बयान को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट पर 32.5 करोड़ की इक्विटी के अलावा सरकार की ओर से 1 रुपया नहीं खर्च किया गया है. हालांकि जिस 60 हजार करोड़ की बात की गई है उसे निजी कंपनियों की तरफ से निवेश के रूप में एकत्रित किया जाएगा वो भी आने वाले 15-20 सालों के भीतर.
It is completely baseless to say that Rs 70,000 crore worth of project (GIFT City) has been handed-over to IL&FS. In all the phases of GIFT City development, only Rs 10,000 cr is projected to be spent on entire infrastructure development: Gujarat Govt
— ANI (@ANI) October 1, 2018
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गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वित्तीय घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा था कि क्या प्रधानमंत्री को वित्तीय घोटालों से प्रेम है.
उन्होंने हिंदी में ट्वीट करते हुए लिखा था कि, 'मोदीजी, आपकी चहेती निजी कंपनी आईएलएफएस डूबने वाली है. आप एलआईसी का पैसा लगाकर उसे बचाना चाहते हो. क्यों?
राहुल गांधी ने कहा, 'एलआईसी देश के भरोसे का प्रतीक है और लोग एक-एक रुपया जोड़कर इसकी पॉलिसी लेते हैं. उनके पैसे से जालसाजों को क्यों बचाते हो?'
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कांग्रेस अध्यक्ष ने हिंदी में ही एक और ट्वीट में लिखा कि 2007 में मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेस (आईएल एंड एफएस) को 70 हजार करोड़ रुपये की परियोजना 'गिफ्ट सिटी दी जिसमें आज तक कुछ काम नहीं हुआ. इसमें जालसाजियां सामने आई हैं.
उन्होंने कहा कि 2018 में प्रधानमंत्री मोदी कर्जदार आईएल एंड एफएस को एलआईसी और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में लगे जनता के पैसे से 91 हजार करोड़ की बेलआउट दे रहे हैं.
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