राहुल के TV इंटरव्यू पर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने, ईसी दर्ज कर सकता है FIR
गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल गांधी के टीवी इंटरव्यू पर सियासी घमासान शुरू हो गया है।
नई दिल्ली:
गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल गांधी के टीवी इंटरव्यू पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। साथ ही चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का आरोप है कि राहुल ने चुनाव प्रचार खत्म होने के बावजूद टीवी इंटरव्यू देकर आचार संहिता का उल्लंघन किया है। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी को 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान दिये गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू की याद दिलाई।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने बुधवार को राहुल गांधी से 18 दिसंबर को शाम 5 बजे तक नोटिस का जवाब देने को कहा है। आयोग ने राहुल गांधी से यह जवाब देने को कहा है कि आखिर चुनाव आचार संहिता के दौरान इंटरव्यू देने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए? आयोग का कहना है कि राहुल की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जा सकता है।
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चुनाव आयोग ने कहा, 'विचार करने के बाद हमने गुजरात के मुख्य चुनाव अधिकारी को निर्देश दिया है कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जरूरी कार्रवाई शुरू करे।' जिसके बाद गुजरात के मुख्य चुनाव अधिकारी बीबी स्वेन ने कहा, 'हमें चुनाव आयोग से निर्देश दिया गया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 126 (1)बी के उल्लंघन पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। हम इसपर काम कर रहे हैं।'
कांग्रेस का आरोप?
कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी का साक्षात्कार प्रसारित करने को लेकर गुजरात के पत्रकारों को धमकी दे रही है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग (ईसी) से इस मामले को संज्ञान में लेने का आग्रह किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कुछ पत्रकारों को राज्य बीजेपी के बड़े कार्यकर्ताओं से धमकी मिल रही है, जो कि मीडियाकर्मियों से कह रहे हैं कि उन्हें आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए जेल भेजा जाएगा।
सुरजेवाला ने कहा, 'हम निर्वाचन आयोग से अपील करते हैं कि मामले को संज्ञान में ले। यह तय करना ईसी का काम है कि वह कोई कार्य आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं।'
उन्होंने कहा, 'साल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मतदान से एक दिन पहले एक चैनल को साक्षात्कार दिया था। यदि वह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है तो राहुल गांधी का साक्षात्कार कैसे उल्लंघन हो सकता है।'
कांग्रेस नेता ने इस बात का भी जिक्र किया कि बीजेपी ने राज्य में प्रथम चरण के मतदान नौ दिसंबर से एक दिन पहले अपना चुनावी घोषणा-पत्र जारी किया।
बीजेपी ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने कहा, ‘गुजरात में कैंपेनिंग के आखिरी 48 घंटों के दौरान इंटरव्यू देने की किसी को इजाजत नहीं दी गई थी। मुझे यकीन है कि चुनाव आयोग इस मामले में संज्ञान लेगा और कार्रवाई करेगा।’
क्यों शुरू हुआ विवाद?
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार खत्म कर मंगलवार की शाम को दिल्ली लौटे। उन्होंने गुजरात के एक टीवी चैनल के अलावा कई राष्ट्रीय चैनलों को इंटरव्यू दिया। जिसमें उन्होंने दावा किया कि गुजरात विधानसभा चुनाव में नतीजे चौंकाने वाले होंगे और कांग्रेस सरकार बनाएगी।
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