राहुल का हमला, मोदी सरकार की GST 'कर आतंक की सुनामी', स्थिति और खराब होगी
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी जैसा फैसला लेकर देश की अर्थव्यवस्था को हिला दिया है।
नई दिल्ली:
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 'कर आतंक की सुनामी' (सुनामी ऑफ टेक्स टेररिज्म) बताते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को नोटबंदी और जीएसटी की तुलना अर्थव्यवस्था पर दो नाली की बंदूक से चली गोली से की जिसका उद्देश्य इसकी मौत सुनिश्चित करना था। इससे पहले राहुल जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बता चुके हैं।
राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें 'छोटे दिल का एक व्यक्ति' बताया और कहा अर्थव्यवस्था आपदा की तरफ, 'मोदी मेड डिजास्टर' की तरफ बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, 'जीएसटी, जैसा की इस सरकार ने इसे तैयार किया है, ने पहले ही कर आतंक की सुनामी ला दी है तथा अब स्थिति और खराब होने वाली है।'
राहुल ने पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स के 112वें वार्षिक सत्र में कहा, 'मोदीजी और उनकी सरकार ने अर्थव्यवस्था के दिल पर दो नाली बंदूक से गोली चलाई। पहला नोटबंदी..बैंग, दूसरा जीएसटी..बैंग..इसने हमारी अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया। देश में रोजगार न मिलने की स्थिति बहुत चिंताजनक है। सरकार देश में बेरोजगारों की विशाल फौज खड़ी कर रही है, जोकि जहरीला और खतरनाक है।'
कांग्रेस नेता ने कहा कि वे लोग नौकरी नहीं दे पा रहे हैं और समुदाय को एक-दूसरे के खिलाफ खूनी संघर्ष में धकेल रहे हैं।
राहुल ने कहा कि अगले कुछ सप्ताह में, हम 500 और 1000 के नोट की पुण्यतिथि मनाएंगे। आठ नवंबर नोटबंदी की 'बरसी' है। मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर 86 प्रतिशत नोट को देश की अर्थव्यवस्था से बाहर कर दिया था।
और पढ़ें: शिवसेना सांसद बोले- राहुल देश का नेतृत्व करने में सक्षम, मोदी लहर खत्म
उन्होंने कहा, यह ऐसी पहल थी जो बिना किसी विचार, संपर्क या इसके प्रभाव के बारे में सोचे बिना लागू की गई। प्रधानमंत्री भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल आधार को समझ नहीं पाए।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'सभी नकद काला नहीं होता और सभी काला नकद नहीं होता। बिना मूल अवधारणा को समझे, प्रधानमंत्री ने अपने अथाह ताकत का प्रयोग भारत के नागरिकों को दो महीने तक कतारों में खड़ा करने के लिए किया। कई इस प्रक्रिया में मरे, लाखों लोगों ने नौकरियां गंवाई।'
राहुल ने कहा, 'ऐसा करने के लिए, आपको कोई ऐसा चाहिए जिसका सीना चौड़ा हो लेकिन दिल छोटा हो। नोटबंदी से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग चौपट हो गए और असंगठित क्षेत्र बर्बाद हो गया, जिससे शहरी रोजगार छोड़कर 'मनरेगा' की तलाश में अपने गांव जाना पड़ा।'
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि भारत में निवेश पिछले 15 वर्षो में सबसे कम रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा, '2014 में जो वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत थी, वह आज सरकार द्वारा प्रयोग किए जा रहे मानदंड के अनुसार 4.4 प्रतिशत हो गई है। बैंकों द्वारा दिया जाने वाला ऋण 60 वर्षो में सबसे कम है। बेरोजगारी आसमान छू रही है।'
राहुल ने कहा, 'हाल के रिसर्च से पता चला है कि भारत में असमानता पिछले 100 वर्षो के दौरान सबसे ज्यादा है। हम आपदा की ओर बढ़ रहे हैं। यह मानव जनित आपदा है और अगर मोदीजी के टर्मिनोलॉजी में कहे तो यह एमएमडी यानी 'मोदी मेड डिजास्टर' है।' उन्होंने कहा कि सरकार में लोगों का विश्वास मर चुका है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'कुछ वजहों से, प्रधानमंत्री और सरकार इसपर पूरी तरह सहमत हैं कि प्रत्येक आदमी चोर है। सरकार अपने नागरिकों पर विश्वास नहीं करती है।'
उन्होंने कहा कि सुनकर हम विश्वास को बढ़ा सकते हैं और सरकार नहीं सुनती है। व्यापार विश्वासनीय माहौल के अनुसार फलता-फूलता है।
प्रधानमंत्री के पहले संसद भाषण को याद करते हुए राहुल ने कहा कि भाषण के दौरान कई सारी टैगलाईन बोली गई थीं और इस पर आगे कोई ठोस काम नहीं किया गया।
और पढ़ें: बॉक्सर विजेंदर ने राहुल से पूछा- शादी कब करेंगे? मिला ये जवाब
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
TMKOC के को-स्टार समय शाह को याद आई सोढ़ी की आखिरी बातचीत, डिप्रेशन की खबरों पर तोड़ी चुप्पी
-
The Lion King Prequel Trailer: डिज़्नी ने किया सिम्बा के पिता मुफासा की जर्नी का ऐलान, द लायन किंग प्रीक्वल का ट्रेलर लॉन्च
-
Priyanka Chopra: शूटिंग के बीच में प्रियंका चोपड़ा नेशेयर कर दी ऐसी सेल्फी, हो गई वायरल
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें