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कोयला संकट( Photo Credit : News Nation)
भीषण गर्मी के बीच देश में बिजली की मांग बढ़ गयी है लेकिन कोयले की कमी के चलते भारी बिजली संकट पैदा हो गया है. दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के 13 राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं. आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान में भी बिजली कटौती के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में यूपी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु समेत कई राज्यों को कोयले की कमी के चलते भारी बिजली संकट से भी गुजरना पड़ रहा है.
इसी बीच यूपी में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में मदद के लिए केंद्र सरकार ने 657 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि इन गाड़ियों को इसलिए रद्द किया गया, ताकि थर्मल पावर स्टेशनों के लिए सप्लाई किए जा रहे कोयले से लदी माल गाड़ियों को आसानी से रास्ता प्रदान किया जा सके और समय से कोयला पहुंच सके.
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देश के बिजली संकट पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, रूस से गैस की आपूर्ति ठप हो गई है. हालांकि, थर्मल पावर प्लांट में 21 मिलियन टन कोयले का स्टॉक है. जो दस दिन के लिए काफी है. कोल इंडिया को मिलाकर भारत के पास कुल 30 लाख टन का स्टॉक है. ये 70 से 80 दिन का स्टॉक है. हालांकि, वर्तमान स्थिति स्थिर है.
AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि, पंजाब के सीएम भगवंत मान कुछ दिन पहले दिल्ली में केंद्रीय कोयला मंत्री (प्रल्हाद जोशी) से मिलने गए थे; उन्होंने आने वाले दिनों में कोयले की कमी नहीं होने का आश्वासन दिया. अभी भी पंजाब सहित 16 से अधिक राज्यों में कोयले की आपूर्ति में केवल 1-2 दिन शेष हैं. केंद्र को जिम्मेदारी निभानी होगी .
Punjab CM Bhagwant Mann went to meet Union Coal Min (Pralhad Joshi) in Delhi, a few days ago; the latter assured of no coal shortage. Still, more than 16 states incl Punjab, are seeing only 1-2 days of coal supply left. Centre has to fulfil its responsibility:AAP MP Raghav Chadha pic.twitter.com/jjRmyRLepB
— ANI (@ANI) April 29, 2022
भीषण गर्मी को बिजली संकट के पीछे मुख्य वजह बताया जा रहा है. इसके अलावा कई राज्यों में कोयले की कमी की खबरें सामने आ रही हैं. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी माना था कि कई राज्यों में कोयले की कमी है. उन्होंने कहा था, रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कोयले के आयात पर असर पड़ा है. इसके अलावा बताया जा रहा है कि झारखंड में कोल कंपनियों को बकाया पेमेंट न देने के चलते कोयला संकट पैदा हुआ है.