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Jignesh mevani( Photo Credit : twitter)
गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी (Gujarat MLA Jignesh mevani) को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया था. बीते मंगलवार यानि 26 अप्रैल को जिग्नेश मेवाणी को असम पुलिस ने महिला पुलिसकर्मी द्वारा एस्कॉर्ट करने के दौरान छेड़छाड़ और गाली देने से जुड़े मामले में पेश किया गया था. जिग्नेश मेवाणी के वकील अंगसुमन बोरा ने मीडिया को बताया कि असम के बारपेटा जिले की एक स्थानीय अदालत ने एक पुलिसकर्मी पर कथित हमले के मामले में जिग्नेश मेवाणी को जमानत दे दी है. कुछ औपचारिकताओं की वजह से उन्हें 30 अप्रैल को रिहा किए जाने की उम्मीद है. मेवाणी के वकील अंगशुमान बोरा ने कहा कि उन्होंने अपनी दलीलें पेश कीं और अदालत से मेवाणी को जमानत देने का आग्रह किया, जो राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक भी हैं.
A local court of Barpeta district of Assam grants bail to Jignesh Mevani in case of alleged assault on a policewoman. He is expected to be released on April 30 owing to some formalities: Anghsuman Bora, lawyer of Jignesh Mevani to ANI
— ANI (@ANI) April 29, 2022
(File photo) pic.twitter.com/EHxR1FwDMk
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी पर देश के विभिन्न पुलिस थानों में कई तरह के मामले चल रहे हैं. सोमवार को पीएम मोदी पर टिप्पणी मामले में असम के कोकराझार कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी. इसके तुरंत बाद पुलिस ने मेवाणी को एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया. इस दौरान कोरकाझार से जिग्नेश मेवाणी को बारपेटा ले जाया गया. इस दौरान उन पर महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ करने और उन्हें गाली देने का आरोप लगा.
HIGHLIGHTS
- कुछ औपचारिकताओं की वजह से उन्हें 30 अप्रैल को रिहा किए जाने की उम्मीद है
- महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ करने और उन्हें गाली देने का आरोप लगा था