शहरी इलाकों में संक्रमण रोकने के लिए राजनीतिक, धार्मिक नेताओं की मदद लेगी सरकार

सरकार ने शहरी बस्तियों में एक ‘‘घटना कमांडर’’ की पहचान करने का फैसला किया है जिसे किसी ‘घटना प्रक्रिया प्रणाली’’ को लागू करने के लिए योजना, अभियान, साजो-सामान और वित्त मामलों जैसी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

सरकार ने शहरी बस्तियों में एक ‘‘घटना कमांडर’’ की पहचान करने का फैसला किया है जिसे किसी ‘घटना प्रक्रिया प्रणाली’’ को लागू करने के लिए योजना, अभियान, साजो-सामान और वित्त मामलों जैसी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

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Aditi Sharma
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Corona

कोरोना वायरस( Photo Credit : फाइल फोटो)

शहरी बस्तियों में कोविड-19 संक्रमण के कई मामले सामने आने के मद्देनजर सरकार ने इन क्षेत्रों में अतिरिक्त श्रमशक्ति तैनात करने और कोरोना वायरस को रोकने संबंधी आवश्यक कदमों की जानकारी देने के लिए स्थानीय राजनीतिक एवं धार्मिक नेताओं की मदद लेने की योजना बनाई है, क्योंकि लोग उनकी ‘‘बात पर अधिक भरोसा करते हैं’’.

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सरकार ने शहरी बस्तियों में एक ‘‘घटना कमांडर’’ की पहचान करने का फैसला किया है जिसे किसी ‘घटना प्रक्रिया प्रणाली’’ को लागू करने के लिए योजना, अभियान, साजो-सामान और वित्त मामलों जैसी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. कमांडर इलाके के नगर पालिका आयुक्त को अपने किए काम की जानकारी देगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक दस्तावेज में कहा कि शहरों की इन बस्तियों में लोग बहुत खराब हालत में रह रहे हैं.

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इनमें छोटी जगहों में बहुत लोग रहते हैं और इन लोगों को कोविड-19 जैसी श्वास संबंधी संक्रामक बीमारियों के खतरे और सामाजिक दूरी एवं पृथक-वास की आवश्यकता के बारे में बताना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए शहरी स्थानीय निकायों को किसी भी संभावित संक्रमण से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्कता है. दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘इन लोगों के बीच कोविड-19 को लेकर जागरुकता पैदा करने में सामुदायिक समूहों की अहम भूमिका है. कोरोना वायरस की रोकथाम के सभी पहलुओं की जानकारी देने के लिए स्थानीय (राजनीतिक, धार्मिक और वैचारिक) नेताओं की मदद लेना अहम है, क्योंकि लोग इन पर अधिक भरोसा करते हैं.’’ www.covidwarriors.gov.in पर उपलब्ध प्रशिक्षित श्रमशक्ति से संपर्क किया जाएगा, ताकि अल्प अवधि सूचना में तैनाती के लिए उनकी तत्परता के बारे में पता जा सके.

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मंत्रालय ने लोगों तक सही संदेश पहुंचाने और फर्जी खबरों का खंडन करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किए जाने पर जोर दिया. दस्तावेज में कहा गया कि सामुदायिक समूहों में आरोग्य सेतु एप्लीकेशन के इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहिए. स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन, स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने 30 नगरपालिका क्षेत्रों के प्रधान स्वास्थ्य सचिवों, नगर आयुक्तों, जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. पूरे देश में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में से लगभग 80 प्रतिशत मामले इन्हीं क्षेत्रों में सामने आए हैं. इसी बैठक के बाद ये दिशा-निर्देश जारी किए गए. बैठक में इन क्षेत्रों में सतर्कता प्रणाली मजबूत किए जाने की योजना पर चर्चा की गई.

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