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India-Maldives Relations: मालदीव में सत्ता बदलते ही भारत के खिलाफ आया बयान, नए राष्ट्रपति ने कह दी ये बात 

India-Maldives Relations: मालदीव में हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार मोहम्मद मुइजू को बड़ी जीत हासिल हुई है. यहां पर 53 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल किए हैं. मुइजू चीन के समर्थक माने जाते हैं. 

Updated on: 03 Oct 2023, 10:31 AM

highlights

  • मुइजू को चीन समर्थक माना जाता है
  • भारतीय सेना को हटाने की बात को दोहराया
  • मालदीव भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम

नई दिल्ली:

India-Maldives Relations:  मालदीव में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही भारत विरोधी बयानबाजी शुरू हो चुकी है. यहां पर हाल ही में चुनाव हुए. मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू को बड़ी जीत हासिल हुई है. उन्हें चीन समर्थक माना जाता है. उन्होंने मालदीव से भारतीय सेना को हटाने की बात को दोहराया है. मुइजू ने इससे पहले भी कहा था कि वे अपने कार्यकाल के पहले ही दिन से मालदीव की धरती से विदेशी सैनिकों को हटाने की कोशिश करेंगे. आपको बता दें कि मालदीव में हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार मोहम्मद मुइजू ने 53 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल किए. 

इस चुनाव में उन्होंने प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के उम्मीदवार और भारतीय समर्थक माने जाने वाले राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हरा दिया है. मुइजू इससे पहले राजधानी माले शहर के मेयर भी रहे हैं. वे चीन से अच्छे रिश्ते के पक्षधर माने जाते हैं. वे हमेशा से भारतीय सेना की तैनाती के पक्ष में रहे थे. मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति सोलिह 2018 राष्ट्रपति बने थे. 

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मुइजू ने सोलेह पर आरोप लगाए था कि उन्होंने भारत को देश में मनमर्जी से काम करने की खास आजादी दी है. मुइजू ने इस दौरान लोगों से वादा किया था कि अगर वे राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं, तो वह मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाएंगे. देश के व्यापारिक रिश्ते को संतुलित करने वाले हैं. उस वक्त सोलिह ने कहा था कि मालदीव में भारतीय सेना की मौजूदगी केवल दोनों सरकारों के बीच एक समझौते के तहत है. ये एक डॉकयार्ड के निर्माण के लिए थी. इससे उनके देश की संप्रभुता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. 

मालदीव भारत के साथ चीन के लिए काफी अहम

मालदीव भारत के साथ चीन के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम है. मालदीव में भारत की मौजूदगी से उसे हिंद महासागर के उस हिस्से पर नजर रखने की ताकत मिलेगी, जहां चीन अपना प्रभुत्व बढ़ाने में लगा है. चीन ने मालदीव में बीआरआई, विकास परियोजनाओं में कर्ज और तेल आपूर्ति के जरिए अपना रुतबा कायम करने की कोशिश की है. इसके साथ भारत के भी यहां पर अरबों डॉलर की परियोजनाएं शामिल हैं. 

मुइजू पेशे से एक इंजीनियर रहे हैं

मालदीव के राष्ट्रपति मुइजू पेशे से एक इंजीनियर रहे हैं. उन्होंने सात वर्षों तक मालदीव के आवास मंत्री के रूप कार्य किया. राजधानी माले के मेयर रहते उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया. 45 वर्षीय नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने यूनाइटेड किंगडम से सिविल इंजीनियरिंग से पढ़ाई पूरी की. राजनीति में आने से पहले वे एक कंपनी में जॉब करते थे.