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सरकार ने निरस्त किए 4.39 करोड़ राशन कार्ड, डिजिटलीकरण अभियान से फर्जीवाड़े का खुलासा

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभार्थियों के सही लक्ष्य तय करने के लिए वर्ष 2013 के बाद से लगभग 4.39 करोड़ फर्जी राशन कार्डों को निरस्त किया है.

Updated on: 07 Nov 2020, 12:23 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभार्थियों के सही लक्ष्य तय करने के लिए वर्ष 2013 के बाद से लगभग 4.39 करोड़ फर्जी राशन कार्डों को निरस्त किया है. यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को दी गई. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि निरस्त किए गए राशन कार्ड के स्थान पर नए राशन कार्ड नियमित रूप से सही और पात्र लाभार्थियों या घरों को जारी किए जा रहे हैं.  

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केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि पीडीएस के आधुनिकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित सुधारों के बीच, वर्ष 2013 से वर्ष 2020 तक की अवधि के दौरान देश में राज्य सरकारों द्वारा अब तक कुल 4.39 करोड़ अयोग्य या फर्जी राशन कार्डों को निरस्त किया गया है. राशन कार्ड को आधार से जोड़ने, फर्जी राशन कार्डों की पहचान करने, डिजिटाइज्ड किये गए डाटा के दोहराव को रोकने तथा लाभार्थियों के अन्यत्र चले जाने/मौत हो जाने के मामलों की पहचान करने के बाद राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने 2013 से 2020 के दौरान देश में करीब 4.39 करोड़ अपात्र/फर्जी राशन कार्डों को रद्द किया है.

 मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया कि पीडीएस में पारदर्शिता लाने और दक्षता में सुधार करने के लिए, सरकार ने लाभार्थियों के डेटाबेस का डिजिटलीकरण किया है और इसे आधार संख्या का दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है जिससे अयोग्य और फर्जी राशन कार्डों का पता लगाने में मदद मिली है. बयान के अनुसार, एनएफएसए कवरेज का जारी किया गया संबंधित कोटा, संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नियमित रूप से एनएफएसए के लाभार्थियों की 'सही पहचान' के लिए उपयोग किया जा रहा है. इसके तहत पात्र लाभार्थियों/परिवारों को शामिल करने/उन्हें नए राशन कार्ड जारी करने का काम जारी है.

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यह कार्य अधिनियम के तहत प्रत्येक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के लिए परिभाषित कवरेज की संबंधित सीमा के भीतर किया जा रहा है. मंत्रालय ने कहा कि एनएफएसए के तहत टीपीडीएस के जरिए 81.35 करोड़ लोगों को अत्यंत कम कीमत में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुरूप देश की जनसंख्या का दो तिहाई है. वर्तमान में देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को केन्द्र द्वारा जारी काफी रियायती दरों- तीन रुपये, दो रुपये और एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हर महीने एनएफएसए के तहत खाद्यान्न (चावल, गेहूं और अन्य मोटे अनाज) उपलब्ध कराया जा रहा है.