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अब कैप्सूल से होगा कोरोना का इलाज, ट्रायल में मिले बेहतर नतीजे, इमरजेंसी इस्तेमाल पर कल हो सकता है फैसला

Coronavirus Oral capsule: अभी तक कोरोना से बचाव के लिए सिर्फ वैक्सीन को ही सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा था लेकिन अब ओरल वैक्सीन भी जल्द आने वाली है. ऑप्टिमस पहली फार्मा कंपनी है जिसमें फेज 3 के क्लीनिकल ट्रायल पेश किए हैं. 

Updated on: 29 Oct 2021, 09:39 AM

नई दिल्ली:

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जल्द एक और सफलता मिलेगी वाली है. जल्द ही बाजार में एक ऐसी दवा आने वाली है जो कोरोना को रोकने में प्रभावी होगी. दवा निर्माता ऑप्टिमस फार्मा (Optimus Pharma) ने कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus In India) के इलाज के लिए मोलनुपिरावीर ओरल कैप्सूल के तीसरे फेज का क्लीनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे करने की घोषणा की. कंपनी को इसी साल 18 मई को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से ट्रायल की मंजूरी मिली थी. ट्रायल के दौरान जो नतीजे आए वह काफी सकारात्मक रहे. इलाज में शामिल में 78.4 प्रतिशत रोगियों को आरटी-पीसीआर निगेटिव पाया गया, जबकि प्लेसिबो समूह में यह संख्या 48.2 प्रतिशत थी.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में सलाहकार समिति 30 अक्टूबर को बैठक करेगी, जिसमें हल्के से मध्यम कोविड संक्रमण के इलाज के लिए मोलनुपिरवीर को आपातकालीन मंजूरी देने के लिए मर्क और रिजबैक अनुरोध पर विचार किया जाएगा. इसी तरह इलाज करा रहे लोगों में स्टडी के 10वें दिन 91.5 प्रतिशत का आरटी-पीसीआर निगेटिव दर्ज किया गया. 

ऑप्टिमस फार्मा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डी. श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि ट्रायल के नतीजे काफी अच्छे मिले हैं. इस दवा के आने के बाद COVID-19 के लिए एक अत्याधुनिक और किफायती इलाज का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा. यह देश की पहली ऐसी फार्मा कंपनी ने जिसके कोरोना की दवा के तीन फेज के ट्रायल पूरे किए हैं. देश भर में इस दवा के 29 जगहों पर ट्रायल पूरे किए गए. भारत में  फिलहाल कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है. वहीं डीजीसीआई और सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ब तक जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, स्पूतनिक वी और जाइडस कैडिला की वैक्सीन को अनुमति दी है.