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गुलाम नबी आजाद ने कहा- बीजेपी में शामिल हो जाऊंगा... जिस दिन

आजाद ने बेहद साफगोई से कहा कि जिस दिन कश्मीर (Jammu Kashmir) में काली बर्फ गिरेगी, उस दिन वह बीजेपी में शामिल हो जाएंगे.

Updated on: 12 Feb 2021, 11:31 AM

highlights

  • बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को यूं दिया विराम
  • बताई अपनी और पीएम मोदी के भावुक होने की वजह
  • वाजपेयीजी को भी गुलाम नबी आजाद ने किया याद

नई दिल्ली:

राज्यसभा से लंबे समय बाद विदाई के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का भावुक भाषण और फिर धन्यवाद ज्ञापन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का भावुक हो जाना सियासी हल्कों में कई संकेत दे गया. उसी दिन शाम को आजाद के घर कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े जी-23 नेताओं का मुलाकात के लिए एकत्र होना कहीं न कहीं उन अफवाहों को जन्म दे दिया, जो कह रही थीं कि आजाद देर-सबेर बीजेपी (BJP) में शामिल हो सकते हैं. हालांकि उन्होंने इन अफवाहों पर पूर्ण विराम लगाते हुए अन्य मुद्दों पर एक मीडिया समूह से विस्तार से चर्चा की. बीजेपी में शामिल होने से जुड़े सवाल पर आजाद ने बेहद साफगोई से कहा कि जिस दिन कश्मीर (Jammu Kashmir) में काली बर्फ गिरेगी, उस दिन वह बीजेपी में शामिल हो जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी से निजी संबंधों और अन्य बातों पर भी विस्तार से चर्चा की. 

बीजेपी में शामिल होने की अफवाहों पर ऐसा दिया जवाब
अंग्रेजी समाचारपत्र हिंदुस्तान टाइम्स को दिए साक्षात्कार में राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष रहे कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'बीजेपी ही क्‍यों... कश्‍मीर में जब काली बर्फ गिरेगी तो किसी और पार्टी में भी शामिल हो जाऊंगा. जो लोग ऐसा कहते हैं या ऐसी अफवाहें फैलाते हैं, वे मुझे नहीं जानते. जब राजमाता सिंधिया (विजया राजे सिंधिया) विपक्ष की उप-नेता थीं, तो उन्‍होंने मुझ पर कुछ आरोप लगाए थे. मैंने कहा था कि मैं आरोप को बड़ी गंभीरता से लेता हूं और सरकार की ओर से (अटल बिहारी) वाजपेयीजी की अध्‍यक्षता में एक समिति बनाने का सुझाव देना चाहूंगा, जिसमें वे (सिंधिया) और (लाल कृष्‍ण) आडवाणी सदस्‍य होंगे. मैंने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट 15 दिन में देंगे और जैसी भी सजा तय करेंगे, मैं मान लूंगा. जैसे ही मैंने वाजपेयीजी का नाम लिया, वह आए और पूछा क्‍यों. जब मैंने उन्‍हें बताया तो उन्‍होंने खड़े होकर कहा- मैं सदन से क्षमा मांगता हूं और गुलाम नबी आजाद से भी. शायद राजमाता सिंधिया उन्‍हें नहीं जानतीं, लेकिन मैं जानता हूं.'

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संसद में इसलिए रोए मोदी और आजाद
गुलाम नबी आजाद ने पिछले दिनों राज्‍यसभा के भीतर अपने और मोदी के भावुक होने की वजह भी समझाई. उन्‍होंने कहा, 'वजह ये थी कि 2006 में एक गुजराती टूरिस्‍ट बस पर (कश्‍मीर में) हमला हुआ था और मैं उनसे बात करते-करते रो पड़ा था. पीएम कह रहे थे कि ये (आजाद) ऐसे व्‍यक्ति हैं जो रिटायर हो रहे हैं और भले इंसान हैं. वह पूरी बात नहीं बता सके क्‍योंकि रो दिए थे और जब मैं कहानी पूरी करना चाहता था तो मैं भी नहीं कर पाया क्‍योंकि मुझे लगा कि मैं 14 साल पहले के उसी पल में पहुंच गया था जब वह हमला हुआ था.'

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टीवी में साथ जाते थे दोनों
आजाद ने कहा कि वे और मोदी एक-दूसरे को 90 के दशक से जानते हैं. उन्‍होंने कहा, 'हम दोनों महासचिव थे और टीवी डिबेट्स में अलग-अलग राय देने जाया करते थे. हम डिबेट्स में खूब लड़ा करते थे, लेकिन अगर हम जल्‍दी पहुंच जाते तो चाय पीते हुए बतियाते रहते थे, बाद में हमने एक-दूसरे को मुख्‍यमंत्रियों की तरह जाना, प्रधानमंत्री की बैठकों और गृह मंत्री की बैठकों में मिलते रहे, तब वह सीएम थे और मैं स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री... हम हर 10-15 दिन पर बात करते थे,'