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जर्मन राजदूत वाल्टर जे लिंडनर( Photo Credit : TWITTER HANDLE)
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर दुनिया के अधिकांश देश दो खेमों में बंटी है. लेकिन भारत किसी तरफ न होकर इस युद्ध को बंद करवाने की कोशिश में लगा रहा है. लेकिन अमेरिका समेत यूरोप देश चाहते हैं कि भारत खुल कर रूस की निंदा करे. लेकिन किसी भी तरह की दबाव को भारत ने मानने से इनकार करते हुए इस मुद्दे पर स्वतंत्र नीति पर चल रहा है. भारत में जर्मन के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने भारत की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि, "युद्ध (रूस-यूक्रेन) अब 3 महीने का हो गया है. शुरुआत में, संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तावों को अपनाने पर बातचीत हुई थी और उम्मीद थी कि भारत युद्ध की निंदा करेगा. इसने कभी भी रिश्ते को नुकसान नहीं पहुंचाया है क्योंकि हम भारत की स्थिति का सम्मान करते हैं."
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वाल्टर जे लिंडनर ने कहा, 4 सप्ताह बाद बवेरिया में G7 की बैठक है. आमतौर पर, यह G7 देश है, लेकिन कुछ वर्षों से, भारत सहित दक्षिण के कुछ विकासशील और मजबूत देशों को भी आमंत्रित करने की एक तरह की आदत है. हमने पीएम मोदी को आमंत्रित किया है और वह आने के लिए सहमत हो गए हैं.
What we've seen from our American, Japanese & Australian friends, they're seeing it as positive. Happy India is a part of it(Quad) as it shows we need a mutual assurance of friendship, cooperation. Spirit of warmongering&aggression should be shown its place: German Envoy to India pic.twitter.com/JIIvTfUBj2
— ANI (@ANI) May 27, 2022
Source : News Nation Bureau